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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर CEC ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, चुनाव की संभावित तिथियों का किया खुलासा

Bihar Assembly Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां – मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवरण और चुनाव तिथियां
Bihar Assembly Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां – मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवरण और चुनाव तिथियां (Photo: Akashvani)
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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार दौरे पर हैं और उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया। दौरे के दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग द्वारा किए गए तैयारियों का विवरण प्रस्तुत किया और मतदाताओं से लोकतंत्र के पर्व को उत्सव की तरह मनाने का आह्वान किया। उन्होंने मतदाताओं का मैथिली भाषा में अभिवादन किया और सभी से मतदान के प्रति जागरूक रहने का आग्रह किया।

बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं और वर्तमान विधानसभा की अवधि 22 नवंबर को समाप्त हो रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इसके पहले चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। चुनाव आयोग के अधिकारी सभी राजनीतिक दलों और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। चुनाव को एक चरण में कराने का निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

इस चुनाव में कई नए नवाचार लागू किए जा रहे हैं। पहली बार बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की ट्रेनिंग आयोजित की गई है। दिल्ली में 700 BLA का प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 वोटर ही होंगे ताकि मतदाताओं को लंबी प्रतीक्षा न करनी पड़े। बूथ लेवल अधिकारियों को फोटो आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा।

मतदान के दौरान मोबाइल जमा कर वोट डालने की सुविधा हर बूथ पर उपलब्ध होगी। वोटर स्लिप पर बूथ की संख्या बड़े अक्षरों में होगी जिससे बूथ ढूँढना आसान हो। प्रत्याशियों की रंगीन फोटो EVM पर प्रदर्शित होगी और हर स्थान पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की सुविधा होगी। 100 मीटर की दूरी पर प्रत्याशी अपना बूथ स्थापित कर सकते हैं।

मतदाता आईडी कार्ड में वोटर आईडी नंबर बड़ा होगा। EVM की काउंटिंग में किसी भी प्रकार की गलती होने पर VVPAT की गिनती अनिवार्य होगी। इसके अलावा बैलेट वोट की भी गिनती की जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूची बनाने की जिम्मेदारी ERO की होती है। बिहार के 243 ERO ने मिलकर मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया है। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है, तो वे जिला अधिकारी से अपील कर सकते हैं।

हर मतदान केंद्र पर मतदान से पहले मॉक पोल किया जाएगा। इसमें प्रत्याशियों के सामने EVM और VVPAT का मिलान किया जाएगा और फॉर्म 17 भरा जाएगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपने एजेंट नामित करने का आग्रह किया।

चुनाव खर्च की सीमा चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित की गई है। हर जिले में खर्च अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और प्रत्येक प्रत्याशी को क्रिमिनल रिकॉर्ड संबंधित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

वोटर आईडी कार्ड में किसी भी गलती को सुधारने के लिए नए कार्ड फाइनल सूची के 15 दिन के भीतर वितरित किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आधार केवल पहचान के लिए प्रयोग किया जा सकता है, नागरिकता का प्रमाण नहीं। मतदान की पहली शर्त यह है कि व्यक्ति भारत का नागरिक हो, 18 वर्ष से अधिक आयु का हो और बूथ के आसपास निवास करता हो।

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को उन मतदाताओं के कटे हुए नामों की सूची भी प्रदान की है, जिनकी मतदाता सूची से नाम हटा दिए गए हैं। अपात्र मतदाता या जिनके नाम में आपत्ति है, वे जिला अधिकारी से आवेदन कर सकते हैं। राजनीतिक दलों को अपने BLA नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि बिहार चुनाव से देश में कई नवाचार और चुनाव सुधारों का मॉडल बनेगा। मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी, सुविधाजनक और लोकतंत्र के पर्व के रूप में मनाने के लिए सभी तैयारी पूरी की जा रही है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com