पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले की पहाड़ियों में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से बड़ी त्रासदी सामने आई है। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA) के कई हिस्सों में कल से हो रही अथक बारिश के कारण 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मिरीक, कुर्सियोंग, रंगभांग और पुल बाजार में लगातार हुई बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
दार्जिलिंग जिले के मिरीक उपविभाग में 13 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उन्हें नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NBCH) में भेजा गया है। दार्जिलिंग उपविभाग के सुखिया पोखरी में छह लोगों की मौत हुई है, एक व्यक्ति अभी भी लापता है। वहीं, बिजनबारी में एक व्यक्ति के मृत्यु की पुष्टि हुई है।
तेस्ता नदी कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर बह रही है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। NH10, जो सिलिगुड़ी को सिक्किम से जोड़ता है, कई जगहों पर बंद कर दिया गया है। मिरीक से सिलिगुड़ी को जोड़ने वाला दुधिया पुल भी ध्वस्त हो गया है, जिससे एक महत्वपूर्ण मार्ग बाधित हो गया है।
भूस्खलन और बारिश का प्रभाव केवल सड़क और पुल तक सीमित नहीं रहा। कई स्थानों पर घर, खेत और ग्रामीणों के आजीविका के साधन बह गए हैं। प्रशासन और स्थानीय निकाय राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। लोकसभा सांसद राजू बिस्ट और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला भी प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रयासरत हैं।
दार्जिलिंग, कुर्सियोंग, मिरीक, कलिम्पोंग और सिक्किम के बीच कई सड़क संपर्क बाधित हो चुके हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू किया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन के अतिरिक्त कई स्थानों पर घरों और फसलों को भी नुकसान हुआ है। लोगों को भोजन, पेयजल और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि आगे भी भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, इसलिए सभी निवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने का निर्देश दिया गया है। बचाव दल ने फंसे हुए लोगों को निकालने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह की लगातार बारिश और भूस्खलन से बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में स्थिर भूमि की कमी और तेज बहाव राहत कार्यों को प्रभावित कर सकती है।
वर्तमान में राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता पर हैं। प्रभावित लोगों को अस्थायी आवास, भोजन, और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अपने घरों को असुरक्षित स्थिति में छोड़ने से पहले जरूरी सामान लेकर जाएँ।
आगे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और आवश्यकता पड़ने पर सेना और एनडीआरएफ की सहायता भी ली जा सकती है।
दार्जिलिंग पहाड़ियों में यह बारिश और भूस्खलन की स्थिति न केवल जीवन और संपत्ति के लिए खतरा है, बल्कि क्षेत्र की बुनियादी ढांचे और लोगों की आजीविका पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है।