बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तिथियों की घोषणा होते ही भागलपुर में पुलिस प्रशासन ने सक्रियता बढ़ा दी है। सोमवार देर शाम से ही पुलिस टीम गलियों और मोहल्लों में घूम-घूम कर उन घरों का पता लगाने में जुट गई है, जहां फरार वारंटियों और अपराधियों के रहने की संभावना है। चुनाव आयोग द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव की तैयारियों के बीच किसी भी हाल में अपराधियों को पकड़ने में ढील न बरती जाए।
थाना से लेकर चौकी तक पुलिस कर्मियों की व्यस्तता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अधिकारी और जवान अब नियमित रूप से मोहल्लों में गश्त कर रहे हैं और स्थानीय लोगों से वारंटियों या संदिग्ध व्यक्तियों के ठिकानों की जानकारी मांग रहे हैं। पुलिस कर्मी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक संदिग्ध का पता लगाया जाए और यदि संभव हो तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस की इस सक्रिय कवायद में आम नागरिक भी शामिल हो गए हैं। मोहल्ले में पुलिस टीम दरवाजों पर दस्तक देती है और पूछती है कि “फलां व्यक्ति का मकान कौन सा है, उसके परिवार के लोग कहां रहते हैं, संपर्क का कोई जरिया है क्या?” ऐसी पूछताछ से लोग पुलिस के कार्यों के प्रति सजग हो गए हैं और अक्सर उन्हें सही जानकारी देने में मदद कर रहे हैं।
हालांकि, इस कवायद का असर आम नागरिकों पर भी पड़ता है। देर रात अचानक दरवाजा खटखटाने से लोगों की नींद उड़ जाती है और वे पुलिस की कार्रवाई से परेशान भी होते हैं। बीते लोकसभा चुनावों में इसी तरह की गहरी नींद में जागने की स्थितियों से आम लोग परिचित हैं। बावजूद इसके, पुलिस कर्मियों का कहना है कि यह उनका कर्तव्य है और चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना प्राथमिक लक्ष्य है।
एसएसपी हृदय कांत के निर्देश और सिटी एसपी शुभांक मिश्रा की निगरानी में सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी, राकेश कुमार और विधि-व्यवस्था डीएसपी नवनीत कुमार सहित कहलगांव डीएसपी अपने अधिकार क्षेत्र के थानों में सक्रिय हैं। ये अधिकारी फरार अपराधियों, वारंटियों और संदिग्धों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। उनका लक्ष्य यह है कि पुलिस की उपलब्धियों की दैनिक रिपोर्ट मुख्यालय तक पहुँच सके।
पुलिस की रिपोर्ट में दर्ज किया जाता है कि रोज कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, कितने हथियार बरामद हुए, दागियों की सूची में कितने नाम जुड़े, शराब की बरामदगी, तस्करों की गिरफ्तारी, निरोधात्मक कार्रवाई, गुंडा पंजीकरण, सीसीए आदि का विवरण। इन आंकड़ों को संकलित कर मुख्यालय में भेजा जाता है, ताकि पुलिस की कार्रवाई की पारदर्शिता और चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
पुलिस का यह सतर्क रवैया यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव के दौरान कोई भी अपराधी अपने आप को सुरक्षित नहीं समझ सके। इससे न केवल चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहती है, बल्कि आम जनता में सुरक्षा और विश्वास का भाव भी बढ़ता है। इस कवायद से पुलिस की कार्यक्षमता और सक्रियता दोनों सामने आती हैं।
चुनाव तिथियों की घोषणा के साथ ही भागलपुर पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कोई भी अपराधी अब सुरक्षित नहीं है। पुलिस प्रशासन का यह प्रयास जनता की सुरक्षा और चुनाव की निष्पक्षता के लिए महत्वपूर्ण कदम है। सभी अधिकारी और जवान पूरे जोश के साथ फरार अपराधियों को पकड़ने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हैं।
इस तरह, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही भागलपुर में पुलिस ने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपराधियों के लिए किसी भी तरह की ढील या अवसर को नकार दिया है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।