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हरनौत में जेडीयू में बगावत के सुर तेज, नीतीश कुमार के गढ़ में अपने ही विधायक के खिलाफ खुला मोर्चा

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हरनौत में जेडीयू में बगावत: नीतीश कुमार के गढ़ में खुला मोर्चा

बिहार की राजनीति में इस वक्त सबसे ज़्यादा हलचल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक क्षेत्र हरनौत में देखने को मिल रही है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के भीतर विरोध के स्वर तेज़ हो गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ विधायक हरिनारायण सिंह, जो लगातार पाँच बार हरनौत से निर्वाचित हो चुके हैं, अब अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए हैं।


परिवारवाद के आरोपों से गरमाई राजनीति

हरनौत में चल रहे इस विरोध का केंद्र बिंदु है — “परिवारवाद।”
जेडीयू नेता संजयकांत सिंह ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके विधायक पर निशाना साधते हुए कहा —

“नीतीश कुमार हमेशा परिवारवाद के खिलाफ बात करते हैं, लेकिन हरनौत में वही नीति टूटती दिख रही है। पिछले चुनाव में हरिनारायण सिंह ने खुद कहा था कि वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे और बेटे को मौका देंगे। मगर बाद में उन्होंने खुद ही मैदान में उतरने का फैसला लिया। अब फिर से वे अपने पुत्र अनिल कुमार को टिकट दिलाने की कोशिश में हैं।”

इस बयान के बाद हरनौत की राजनीतिक फिज़ा और गरमा गई है। कार्यकर्ता अब खुलकर मैदान में उतर चुके हैं और पार्टी नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं।

JDU Rebellion in Harnaut
JDU Rebellion in Harnaut – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक क्षेत्र हरनौत में जेडीयू विधायक हरिनारायण सिंह के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोला, टिकट बंटवारे से पहले बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी।


कार्यकर्ताओं की चेतावनी: “टिकट मिला तो करेंगे विरोध अभियान”

हरनौत में पार्टी कार्यकर्ताओं का गुस्सा अब सड़कों पर उतर चुका है।
कई पुराने कार्यकर्ताओं ने यह तक कह दिया है कि —

“अगर जेडीयू ने हरिनारायण सिंह या उनके बेटे अनिल कुमार को टिकट दिया, तो हम न केवल विरोध करेंगे बल्कि उन्हें हराने के लिए अभियान चलाएंगे।”

पार्टी के स्थानीय नेताओं की मांग है कि इस बार जेडीयू किसी नए चेहरे पर भरोसा करे। उनका कहना है कि या तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार को टिकट दिया जाए या फिर वरिष्ठ नेता संजयकांत सिन्हा को मैदान में उतारा जाए।

JDU Rebellion in Harnaut
JDU Rebellion in Harnaut – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक क्षेत्र हरनौत में जेडीयू विधायक हरिनारायण सिंह के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोला, टिकट बंटवारे से पहले बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी।

नीतीश कुमार के लिए ‘गढ़ बचाने’ की चुनौती

हरनौत को नीतीश कुमार का राजनीतिक गढ़ माना जाता है। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी और यह इलाका लंबे समय से जेडीयू का मजबूत किला रहा है।
लेकिन इस बार जिस तरह से पार्टी के भीतर से ही विरोध के स्वर उठे हैं, उससे यह किला कमजोर होता दिख रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर हरनौत में बगावत थमी नहीं, तो इसका असर पूरे नालंदा ज़िले और आसपास के विधानसभा क्षेत्रों पर पड़ेगा।
यह बगावत आने वाले चुनावों में जेडीयू की रणनीति को भी प्रभावित कर सकती है।


विश्लेषकों की राय: “यह सिर्फ स्थानीय बगावत नहीं, संकेत है बड़े बदलाव का”

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हरनौत की यह लड़ाई केवल टिकट को लेकर नहीं है, बल्कि यह जेडीयू की अंदरूनी राजनीति का आईना है।
एक वरिष्ठ विश्लेषक के मुताबिक —

“जेडीयू में कई नेता और कार्यकर्ता लंबे समय से अवसर न मिलने से नाराज़ हैं। हरनौत की बगावत ने उनकी आवाज़ को बल दिया है। यह बगावत आने वाले समय में नीतीश कुमार के नेतृत्व के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।”

अगर बगावत का यह सिलसिला आगे बढ़ता है, तो यह पार्टी की एकता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकता है।


टिकट वितरण से पहले बढ़ा तनाव

नीतीश कुमार ने अब तक पार्टी टिकट वितरण पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है। लेकिन हरनौत की स्थिति को देखते हुए अब उनके लिए फैसला लेना आसान नहीं होगा।
पार्टी को तय करना होगा कि वह पुराने भरोसेमंद चेहरों पर दांव लगाए या नई पीढ़ी को मौका दे।

राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि नीतीश कुमार इस बार हरनौत में संतुलन बनाकर चलेंगे, ताकि किसी भी वर्ग में असंतोष न फैले।


निष्कर्ष: हरनौत की बगावत बनेगी बिहार राजनीति की अग्निपरीक्षा

हरनौत में उठे इस विरोध के सुर केवल एक सीट की लड़ाई नहीं हैं — यह बिहार की सत्ता के समीकरण को भी बदल सकते हैं।
जेडीयू के लिए यह बगावत एक चेतावनी है कि अगर अंदरूनी मतभेदों को समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो इसका खामियाज़ा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।

हरनौत में नीतीश कुमार के लिए यह चुनौती उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जा रही है —
क्या वे अपने गढ़ को संभाल पाएंगे, या बगावत का यह ज्वालामुखी पार्टी की दीवारें हिला देगा?


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Aakash Srivastava

Writer & Editor at RashtraBharat.com | Political Analyst | Exploring Sports & Business. Patna University Graduate.