समाचार का विवरण
13 अक्टूबर 2025, भारत:
पूर्व आईएएस अधिकारी कनन गोपीनाथन ने कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। गोपीनाथन ने 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के रद्द होने के विरोध में आईएएस सेवा से इस्तीफा दिया था।
कांग्रेस के सचिव संगठन एवं सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने गोपीनाथन को “देश के वंचित और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए हमेशा न्याय और समानता की लड़ाई लड़ने वाले बहादुर अधिकारी” के रूप में पेश किया।
कनन गोपीनाथन की प्रतिक्रिया
गोपीनाथन ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा:
“मैं केवल उन्हीं लोगों को देशद्रोही मानता हूँ जो जानते हैं कि देश सही दिशा में नहीं जा रहा है, फिर भी व्यक्तिगत लाभ, लालच या जीवित रहने के लिए चुप रहते हैं। अनुच्छेद 370 का रद्द होना सरकार का निर्णय हो सकता है, लेकिन क्या यह सही है कि एक पूरे राज्य को बंद कर दिया जाए, पत्रकारों, सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला जाए, यातायात, संचार और इंटरनेट बंद किया जाए?”
उन्होंने यह भी कहा कि यह सवाल केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है।

पृष्ठभूमि
- गोपीनाथन 2012 बैच के आईएएस अधिकारी थे।
- उन्होंने पूर्वोत्तर भारत, विशेषकर आइजॉल में कई विकास परियोजनाओं का नेतृत्व किया।
- केरल के 2018 बाढ़ के दौरान उन्होंने गुप्त रूप से राहत कार्य किया।
- इस्तीफे के बाद भी उन्होंने मानवाधिकारों और लोकतंत्र के लिए लगातार आवाज उठाई।
कांग्रेस में शामिल होने की प्रक्रिया
- शामिल होने से पहले गोपीनाथन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की।
- वेणुगोपाल ने कहा कि गोपीनाथन जैसे अधिकारियों को न्याय और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए लड़ने पर सरकार द्वारा दंडित किया जा रहा है।
भविष्य की भूमिका
- गोपीनाथन केरल विधानसभा चुनाव और केंद्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- उनकी छवि मानवाधिकारों के प्रति सजग और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में स्थापित है।
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