बिहार विधानसभा चुनाव 2025: ‘हम’ ने उतारे छह प्रत्याशी, मांझी की पुत्रवधू दीपा कुमारी इमामगंज से मैदान में
डिजिटल डेस्क, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह गर्म हो गया है। एक ओर जहां जन सुराज पार्टी, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी हैं, वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इस सूची में सबसे ज्यादा चर्चा में रही इमामगंज विधानसभा सीट, जहां से मांझी ने अपनी पुत्रवधू दीपा कुमारी को टिकट दिया है। इस फैसले को राजनीतिक गलियारों में परिवारवाद बनाम जनाधार की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।
एनडीए में सीट बंटवारे के तहत ‘हम’ को मिलीं 6 सीटें
सूत्रों के अनुसार, एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे के तहत हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को छह सीटें मिली हैं। मांझी ने इन छहों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। पार्टी ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, वे हैं —
विधानसभा सीट | प्रत्याशी का नाम | श्रेणी |
---|---|---|
इमामगंज | दीपा कुमारी | सामान्य |
टिकारी | अनिल कुमार | सामान्य |
बाराहट्टी (अ.जा) | ज्योति देवी | अनुसूचित जाति |
अतरी | रोमित कुमार | सामान्य |
सिकंदरा (अ.जा) | प्रफुल्ल कुमार मांझी | अनुसूचित जाति |
कुटुम्बा (अ.जा) | ललन राम | अनुसूचित जाति |
मांझी ने अपनी पोस्ट में कहा,
“हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा हमेशा से सामाजिक न्याय और विकास की राजनीति में विश्वास रखती है। हमारे सभी उम्मीदवार जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।”
परिवारिक राजनीति पर उठ रहे सवाल
हालांकि, इमामगंज से पुत्रवधू दीपा कुमारी को टिकट देने के फैसले ने राजनीतिक हलकों में चर्चा बढ़ा दी है। विपक्षी दल इसे परिवारिक राजनीति का उदाहरण बता रहे हैं। वहीं, मांझी समर्थक इसे अनुभव और जनसेवा के मेल के रूप में देख रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दीपा कुमारी का टिकट एनडीए के अंदर दलित और महिला प्रतिनिधित्व को संतुलित करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
मैदान में उतरे अन्य प्रत्याशी भी मजबूत दावेदार
टिकारी से अनिल कुमार और अतरी से रोमित कुमार पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं में गिने जाते हैं। वहीं, सिकंदरा और कुटुम्बा की आरक्षित सीटों पर प्रफुल्ल मांझी और ललन राम की एंट्री से ‘हम’ का दलित वोट बैंक मजबूत हो सकता है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि “हम” ने हमेशा छोटे और वंचित वर्गों की आवाज़ को विधानसभा तक पहुंचाने का काम किया है, और यही इस बार भी लक्ष्य है।
गठबंधन राजनीति में ‘हम’ की भूमिका
बिहार में एनडीए गठबंधन के तहत हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की भूमिका इस चुनाव में अहम मानी जा रही है। हालांकि, पार्टी का जनाधार सीमित है, लेकिन मांझी का व्यक्तिगत प्रभाव कई सीटों पर निर्णायक साबित हो सकता है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि एनडीए को पूर्ण बहुमत की स्थिति बनानी है तो मांझी की पार्टी के वोटों की अहम भूमिका रहेगी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ‘हम’ के छह उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद अब गठबंधन की रणनीति और भी स्पष्ट होती जा रही है।
दीपा कुमारी की उम्मीदवारी ने जहां पार्टी को नई पहचान दी है, वहीं मांझी के इस फैसले ने यह भी संकेत दिया है कि ‘हम’ अब सिर्फ सहयोगी दल नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाने वाली पार्टी बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी राजनीतिक घोषणाओं और सार्वजनिक बयानों पर आधारित है। इसमें किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति के पक्ष या विपक्ष में टिप्पणी का उद्देश्य नहीं है।