‘महाभारत’ के कर्ण पंकज धीर का निधन, टीवी जगत ने खोया एक और सितारा
मुंबई। प्रसिद्ध अभिनेता पंकज धीर, जिन्होंने बी.आर. चोपड़ा की ऐतिहासिक टीवी श्रृंखला ‘महाभारत’ में कर्ण का अमर किरदार निभाया था, अब हमारे बीच नहीं रहे। बुधवार को 68 वर्ष की आयु में उन्होंने कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरा फिल्म और टीवी जगत शोक में डूब गया है।
पंकज धीर के निधन की पुष्टि अभिनेता अमित भेल ने समाचार एजेंसी एएनआई से की। उन्होंने कहा — “यह बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली खबर है। मैं पंकज को तीन दशकों से जानता था। वह कुछ साल पहले बीमार पड़े थे लेकिन बाद में ठीक होकर फिर से काम पर लौट आए थे। कुछ महीने पहले ही हमारी बात हुई थी, वह बिल्कुल स्वस्थ लग रहे थे।”
कर्ण का किरदार जिसने बदल दी जिंदगी
पंकज धीर का नाम भारतीय टेलीविजन इतिहास में हमेशा कर्ण के रूप में याद किया जाएगा। 1988 में जब ‘महाभारत’ का प्रसारण शुरू हुआ, तो उनके शांत लेकिन दृढ़ अभिनय ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उनके संवाद, हाव-भाव और व्यक्तित्व ने कर्ण को एक ऐसा चरित्र बना दिया जो आज भी भारतीय संस्कृति और नैतिकता का प्रतीक माना जाता है।
उनकी ऊँची कद-काठी, गंभीर आवाज़ और आंखों में झलकता समर्पण — इन सबने कर्ण को सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि एक महानायक बना दिया।
निर्माता अशोक पंडित ने भी उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा — “उन्होंने आज सुबह कैंसर के कारण दम तोड़ दिया। पिछले कुछ महीनों से वह अस्पताल में भर्ती थे। उनका जाना हमारे लिए एक बड़ी क्षति है।”
शुरुआत संघर्षों से, लेकिन रुकने का नाम नहीं
पंकज धीर का फिल्मी सफर 1981 में ‘पूनम’ फिल्म से शुरू हुआ था। हालांकि शुरुआती फिल्मों को सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। ‘सूखा’, ‘मेरा सुहाग’, ‘जीवन एक संघर्ष’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी कला को तराशा।
वह दौर कठिन था, परंतु पंकज धीर के भीतर एक अभिनेता की आग जल रही थी। अंततः 1988 में ‘महाभारत’ ने उनके करियर को नई दिशा दी और वे घर-घर में प्रसिद्ध हो गए।
टीवी और फिल्मों दोनों में सफलता
‘महाभारत’ के बाद पंकज धीर ने कई लोकप्रिय धारावाहिकों में काम किया —
‘चंद्रकांता’ में राजा शिवदत्त का किरदार,
‘कानून’ और ‘जी हॉरर शो’ जैसे शोज़ में उनके अभिनय ने दर्शकों को प्रभावित किया।
टीवी के साथ-साथ उन्होंने फिल्मों में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया।
‘बादशाह’, ‘सैनिक, ‘आंदाज़, ‘सैनिक, ‘सोल्जर, और ‘तुमको ना भूल पाएंगे’ जैसी फिल्मों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं।
उनका अभिनय चाहे टीवी स्क्रीन पर हो या बड़े पर्दे पर, हर बार उन्होंने दर्शकों का दिल जीता।
पारिवारिक जीवन और विरासत
पंकज धीर अपने पीछे पत्नी अनीता धीर और बेटे निकितिन धीर को छोड़ गए हैं। निकितिन भी एक जाने-माने अभिनेता हैं, जिन्हें ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘जोधा अकबर’ और ‘सूर्यवंशी’ जैसी फिल्मों में देखा गया है।
उनकी बहू कृतिका सेंगर भी टीवी जगत की जानी-मानी अभिनेत्री हैं, जिन्हें ‘झांसी की रानी’ जैसे धारावाहिकों के लिए जाना जाता है।
एक युग का अंत
पंकज धीर सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि उस पीढ़ी के प्रतीक थे जिसने भारतीय टेलीविजन को गंभीरता और गरिमा दी। उनके अभिनय ने यह साबित किया कि पौराणिक किरदार भी आधुनिक दर्शकों के दिलों में जीवित रह सकते हैं।
आज जब दर्शक पुराने ‘महाभारत’ एपिसोड्स देखते हैं, तो कर्ण के रूप में पंकज धीर की आवाज़ और चेहरे के भाव अब भी वही भावनाएँ जगाते हैं — कर्तव्य, त्याग और आत्मसम्मान की।
उनका जाना टीवी और सिनेमा की उस विरासत का अंत है, जिसने 80 और 90 के दशक के भारतीय मनोरंजन को परिभाषित किया था।
श्रद्धांजलि
भारतीय मनोरंजन उद्योग ने आज एक ऐसे कलाकार को खो दिया है जिसने अभिनय को श्रद्धा बना दिया था।
पंकज धीर की स्मृतियाँ उनके निभाए हर किरदार में, हर संवाद में और हर दर्शक के दिल में सदा जीवित रहेंगी।
“कर्ण की तरह उन्होंने भी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी — गरिमा से, समर्पण से और साहस के साथ।”