समुद्र पर दीपोत्सव: प्रधानमंत्री मोदी ने नौसैनिकों संग मनाई दीवाली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
पूरा देश दीपावली के उल्लास में डूबा है, और इसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी परंपरा को निभाते हुए सीमा पर तैनात बहादुर सैनिकों के साथ यह पर्व मनाया। इस वर्ष प्रधानमंत्री ने गोवा और कारवार के तट पर स्थित देश के गौरवशाली विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का दौरा किया और भारतीय नौसेना के वीर जवानों के साथ दीपावली के दीप जलाए।
प्रधानमंत्री का सागर तट से संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत के विशाल डेक से जवानों को संबोधित करते हुए कहा,
“आज का दिन अद्भुत है, यह दृश्य अविस्मरणीय है। एक ओर मेरे सामने अनंत सागर है और दूसरी ओर भारत माता के वीर सपूत। इस क्षण को शब्दों में पिरोना असंभव है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना का अनुशासन, पराक्रम और निष्ठा देश के लिए गौरव का प्रतीक है। उन्होंने नौसैनिकों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं क्योंकि हमारे वीर जवान हर परिस्थिति में राष्ट्र की रक्षा में तत्पर रहते हैं।
आईएनएस विक्रांत पर उमड़ा देशभक्ति का उत्सव
इस अवसर पर आईएनएस विक्रांत पर देशभक्ति के गीतों और दीपों की रौशनी ने एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने नौसैनिकों के साथ समय बिताते हुए उनके परिवारों की कुशलक्षेम पूछी और कहा कि
“आपके परिवारों का त्याग भी राष्ट्र की शक्ति का हिस्सा है। जब आप सीमा पर डटे रहते हैं, तब घर के लोग भी एक सैनिक की तरह देश सेवा में लगे रहते हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दीपावली केवल घरों में दीप जलाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह उन वीरों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है जो देश के लिए अंधकार में भी प्रकाश बने रहते हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का किया उल्लेख
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि
“जब मैंने नौसैनिकों को देशभक्ति के गीतों में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते सुना, तो वह क्षण मन को छू गया। एक सैनिक के हृदय में जो देश के प्रति समर्पण की भावना होती है, वह शब्दों से परे है।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि रातभर उन्होंने नौसैनिकों के साथ बिताए क्षणों से बहुत कुछ सीखा है — अनुशासन, सामर्थ्य और अदम्य साहस की प्रेरणा।
प्रधानमंत्री ने किया नौसेना के आधुनिकीकरण का उल्लेख
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की नौसेना के तकनीकी और सामरिक विकास की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भर नौसेना की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
“हमारे विमानवाहक पोत, पनडुब्बियाँ और युद्धक विमान देश की सुरक्षा के प्रतीक हैं। परंतु इन सबका सबसे बड़ा बल है – हमारे जवानों की अटूट हिम्मत।”
उन्होंने कहा कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत नौसैनिक उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि देश की रक्षा क्षमता और सशक्त बने।
‘यह क्षण यादगार है’ – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि
“समुद्र की गहराई और आज के सूर्योदय ने मेरी दीवाली को अनेक गुना विशेष बना दिया है। मैं INS विक्रांत से पूरे देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह क्षण मेरे लिए अविस्मरणीय है, जब मैं देश के वीर रक्षकों के बीच दीपोत्सव मना रहा हूं।”
उन्होंने अंत में सभी नौसैनिकों के परिवारों के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि राष्ट्र की शक्ति उनके अटूट समर्पण से ही बनी है।
देशभर से उमड़ा सम्मान और गर्व का भाव
प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम से देशभर में गर्व की भावना उमड़ पड़ी। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि यह दीवाली वास्तव में राष्ट्रभक्ति की दीवाली है। आम नागरिकों ने इसे “समुद्र पर दीपोत्सव” नाम दिया। प्रधानमंत्री का यह आयोजन न केवल सैनिकों के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि देशवासियों में एकता और गौरव की भावना को भी प्रबल करता है।