राष्ट्रीय जनता दल की रणनीति और उम्मीदवार सूची
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दृष्टिगत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने गुरुवार को अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 143 उम्मीदवार शामिल हैं। पार्टी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बार भी वैशाली जिले की राघोपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए 100 सीटें सहयोगी दलों के लिए सुरक्षित रखी हैं। शेष सीटों पर जातीय और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
राजद के मुख्य उम्मीदवार और उनकी सीटें
राजद की पहली सूची में कई महत्वपूर्ण उम्मीदवार शामिल हैं, जो विभिन्न जिलों की विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में उतरेंगे। प्रमुख नामों में शामिल हैं:
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तेजस्वी प्रसाद यादव – राघोपुर, वैशाली
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रेणु कुशवाहा – बिहारीगंज, मधेपुरा
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अब्दुस सुब्हान – बैसी, पूर्णिया
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अमर पासवान – बोचहां (अनुसूचित जाति), मुजफ्फरपुर
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अनीता देवी महतो – वारसलीगंज, नवादा
इनके अतिरिक्त, सिमरी बख्तियारपुर, हथुआ, साहेबगंज, मधेपुरा, और सिवान जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में भी पार्टी ने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं।
जातीय और सामाजिक समीकरण का महत्व
राजद ने उम्मीदवार चयन में जातीय संतुलन और सामाजिक समीकरण को मुख्य आधार बनाया है। पार्टी का मानना है कि बिहार की राजनीति में जातीय विविधता और सामाजिक समीकरण का सम्मान करना आवश्यक है। इसी दृष्टि से, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए अलग से उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
राजद की रणनीति का उद्देश्य केवल जीत सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि सभी समुदायों को चुनावी प्रक्रिया में सहभागी बनाना भी है। तेजस्वी यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “हमारे उम्मीदवार बिहार की जनता की विविधता का प्रतिबिंब हैं। हमें विश्वास है कि जनता हमारी यह नीति समझेगी और हमें समर्थन देगी।”
गठबंधन की भूमिका
राजद ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने अपने सहयोगी दलों के साथ गठबंधन को प्राथमिकता दी है। 100 सीटें सहयोगी दलों के लिए सुरक्षित रखी गई हैं। इस कदम से राजद यह सुनिश्चित करना चाहती है कि गठबंधन के सभी घटक दल भी चुनाव में समान रूप से भाग लें और कोई मत विभाजन न हो।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह गठबंधन रणनीति राजद की चुनावी सफलता के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकती है। गठबंधन धर्म का पालन करते हुए सीटों का विभाजन राजनीतिक स्थिरता और जीत की संभावनाओं को मजबूत करता है।
जनता और राजद की उम्मीदें
पार्टी इस बार पूरी तरह से चुनावी तैयारियों में लगी हुई है। राजद नेताओं का मानना है कि बिहार की जनता उनके द्वारा पेश की गई नीतियों और उम्मीदवारों की योग्यता को महत्व देगी।
तेजस्वी यादव की राघोपुर से वापसी इस बात का संकेत है कि पार्टी अनुभव और युवा नेतृत्व का संयोजन करना चाहती है। जनता के बीच भ्रम और असंतोष दूर करने के लिए राजद ने चुनावी प्रचार अभियान भी पहले ही शुरू कर दिया है।
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