सोनभद्र पुलिस ने अवैध गांजा तस्करी को किया नाकाम
सोनभद्र। बभनडीहा गांव के जंगल में रविवार की रात पुलिस ने अवैध गांजा तस्करी का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने एक पिकअप वाहन से 82 किलो 800 ग्राम गांजा बरामद किया, जो ओडिशा से प्रयागराज की ओर ले जाया जा रहा था। इस मामले में दो लोग गिरफ्तार हुए हैं, जबकि दो फरार हैं।
पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई म्योरपुर थाना एवं एसओजी टीम की गश्त के दौरान हुई। दीपावली के अवसर पर सुरक्षा बढ़ाए जाने के कारण गश्त कर रही पुलिस को सूचना मिली कि बभनडीहा जंगल में एक वाहन खड़ा है और उसमें कुछ संदिग्ध लोग सवार हैं। मौके पर जाकर जांच करने पर पिकअप वाहन में सूरन की बोरियों के बीच छिपाकर रखा गया गांजा बरामद हुआ।
गिरफ्तार आरोपित और फरार तस्करों की पहचान
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों की पहचान झारखंड के गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के मदगड़ी गांव निवासी शुभम उर्फ श्यामू और राजू कुमार के रूप में की। वहीं, दो फरार तस्कर हैं – छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला निवासी सरिता देवी और उनके पति हंसलाल, जो अलग-अलग स्थानों पर रहकर गांजा तस्करी का नेटवर्क संचालित करते हैं।
पुलिस दोनों फरार आरोपितों की तलाश कर रही है। सीओ दुद्धी राजेश कुमार राय ने बताया कि पकड़े गए तस्करों के पास से तीन मोबाइल और 1100 रुपये नकद भी बरामद हुए हैं।
तस्करी का modus operandi
जांच में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वे ओडिशा के सोनपुर से सूरन की बोरियों के बीच गांजा लोड कर हनुमना, प्रयागराज ले जा रहे थे। यह कार्य सरिता देवी व हंसलाल के कहने पर किया जाता है। यह दंपती ओडिशा से गांजा की खरीद-बिक्री एवं परिवहन का संचालन करते हैं।
हर चक्कर पर आरोपितों को 10,000 रुपये दिए जाते थे। पुलिस के अनुसार पकड़ी गई पिकअप भी गांजा तस्करी से अर्जित धन से खरीदी गई थी।
पुलिस की सफलता और स्थानीय सुरक्षा
इस कार्रवाई से सोनभद्र पुलिस की तत्परता और स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था की कुशलता सामने आई है। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि दीपावली के त्योहारी सीजन में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगे। सीओ राय ने सभी नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
अवैध गांजा तस्करी का बढ़ता खतरा
राज्य में अवैध गांजा तस्करी बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांजा तस्करी के मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। पुलिस की इस सफलता ने साबित किया कि सतर्क गश्त और स्थानीय सहयोग से तस्करी के जाल को तोड़ा जा सकता है।
पुलिस ने क्षेत्रवासियों को यह भी चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार के अवैध नशे के कारोबार में शामिल होना गंभीर अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा हो सकती है।