नई दिल्ली। देशभर में दीपों का त्योहार दीवाली 2025 धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस वर्ष यह पर्व कार्तिक अमावस्या तिथि पर पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीवाली की रात या संध्या काल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
विशेष रूप से पूजा के समय प्रदोष और निशिता काल को अत्यंत शुभ माना गया है। इस अवसर पर अपनी राशि के अनुसार मंत्रों का जप करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और साधक को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
राशि अनुसार मंत्र जप (Diwali 2025 Laxmi Puja Mantra)
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मेष राशि: ॐ महालक्ष्म्यै नमः और ॐ गजाननाय नमः
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वृषभ राशि: ॐ महाकाल्यै नमः और ॐ विघ्नराजाय नमः
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मिथुन राशि: ॐ सरस्वत्यै नमः और ॐ विनायकाय नमः
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कर्क राशि: ॐ शक्त्यै नमः और ॐ द्विमुखाय नमः
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सिंह राशि: ॐ त्रिपुरायै नमः और ॐ कृतिने नमः
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कन्या राशि: ॐ भगवत्यै नमः और ॐ ब्रह्मचारिणे नमः
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तुला राशि: ॐ उमायै नमः और ॐ विष्णुप्रियाय नमः
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वृश्चिक राशि: ॐ महामायायै नमः और ॐ सुखनिधये नमः
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धनु राशि: ॐ चण्डिकायै नमः और ॐ महागणपतये नमः
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मकर राशि: ॐ शिवायै नमः और ॐ हेरम्बाय नमः
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कुंभ राशि: ॐ कालरात्र्यै नमः और ॐ प्रमधाय नमः
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मीन राशि: ॐ भद्रकाल्यै नमः और ॐ प्रथमाय नमः
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, दीपक, रोली, चावल, फूल, धूप, अगरबत्ती, मिठाई, कलश, नारियल, सिक्के और पंचमेवा शामिल करें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के लिए है। इसे अंतिम सत्य या आधिकारिक दावा न मानें। पाठकों से अनुरोध है कि अपने विवेक का उपयोग करें।