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Ayodhya: अयोध्या दीपोत्सव 2025, 26 लाख दीयों से जगमगाई अयोध्या, बना नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड

Ayodhya Deepotsav 2025: Guinness World Record with 2.6 Million Lamps, अयोध्या में 26 लाख दीपों से रचा इतिहास
Ayodhya Deepotsav 2025: Guinness World Record with 2.6 Million Lamps, अयोध्या में 26 लाख दीपों से रचा इतिहास
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अयोध्या दीपोत्सव 2025: 26 लाख दीपों की रौशनी से चमकी रामनगरी

अयोध्या। दीपावली से पूर्व आयोजित अयोध्या दीपोत्सव 2025 ने इस वर्ष एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। 20 अक्टूबर 2025 को सरयू नदी के घाटों पर एक साथ 2,617,215 मिट्टी के दीयों को प्रज्ज्वलित कर अयोध्या ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। यह संख्या पिछले सभी वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर गई।

इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। उन्होंने दीपोत्सव को न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बताया।


2,128 आचार्यों ने की सामूहिक आरती

आयोजन के दौरान 2,128 आचार्यों और पुजारियों ने सामूहिक आरती कर भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन का स्वागत किया। सरयू तट पर जब हजारों दीप एक साथ प्रज्वलित हुए तो पूरा वातावरण “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा।

घाटों पर रौशनी का ऐसा नज़ारा बना मानो स्वयं स्वर्ग पृथ्वी पर उतर आया हो। स्थानीय लोगों के साथ देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने।


धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव का संगम

दीपोत्सव का आयोजन अयोध्या के राजकीय प्रशासन और पर्यटन विभाग के सहयोग से किया गया। पूरे शहर को दीपों, फूलों और रंगोली से सजाया गया था। राम कथा पार्क, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, और राम की पैड़ी जैसे स्थलों पर विशेष प्रकाश सज्जा की गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा,

“अयोध्या केवल एक तीर्थ नहीं, यह भारत की आत्मा का प्रतीक है। आज यह दीपोत्सव देश की आध्यात्मिक एकता और रामराज्य के आदर्शों को पुनः जीवंत कर रहा है।”


सोशल मीडिया पर छाया दीपोत्सव, विवाद भी रहे चर्चा में

इस भव्य आयोजन के दौरान सोशल मीडिया पर दीपोत्सव की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए। हालांकि एक कथित AI-जनित तस्वीर, जिसमें दीयों की अतिशयोक्तिपूर्ण छवि दिखाई गई, बाद में फैक्ट-चेकर्स द्वारा फर्जी बताई गई।

कुछ यूज़र्स ने पर्यावरण प्रदूषण और खर्च को लेकर सवाल भी उठाए, वहीं अधिकांश लोगों ने इसे “भारत की सांस्कृतिक पहचान का पुनर्जागरण” बताया।


श्रद्धा, पर्यटन और रोजगार का नया आयाम

दीपोत्सव से अयोध्या में न केवल धार्मिक आस्था बढ़ी बल्कि स्थानीय पर्यटन और रोजगार को भी बड़ा प्रोत्साहन मिला। होटल, परिवहन और हस्तशिल्प व्यवसाय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।

विशेष रूप से युवाओं और स्वयंसेवकों ने दीप जलाने, व्यवस्था बनाए रखने और आगंतुकों के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


रामराज्य की झलक और भविष्य की तैयारी

अयोध्या में यह दीपोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि ‘रामराज्य’ की झलक भी प्रस्तुत करता है — जहां समानता, सौहार्द और आध्यात्मिकता का संतुलन है। सरकार ने घोषणा की है कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और व्यापक रूप में मनाया जाएगा, जिससे अयोध्या वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर और भी सशक्त स्थान प्राप्त करे।


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Aryan Ambastha

राष्ट्रभारत डॉट कॉम में लेखक एवं विचारक | वित्त और उभरती तकनीकों में गहरी रुचि | राजनीति एवं समसामयिक मुद्दों के विश्लेषक | कंटेंट क्रिएटर | नालंदा विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रौद्योगिकी, वित्त, राजनीति और समाज के आपसी संबंधों को समझने और व्याख्या करने का विशेष कौशल रखते हैं। जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पाठकों तक पहुँचाना इनकी पहचान है। संपर्क: aryan.ambastha@rashtrabharat.com