सिवान की सड़कों पर टोटो का आतंक — आमजन और चालक दोनों परेशान
सिवान शहर में टोटो वाहनों का बढ़ता अराजक व्यवहार शहरवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। शहर की मुख्य सड़कों पर इन बैटरी चालित वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही ने न केवल आम लोगों की यात्रा कठिन बना दी है, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
ट्रैफिक का माहौल भयावह
सिवान के बबुनिया मोड़ से लेकर मालवीय नगर तक महज़ दो किलोमीटर की दूरी तय करने में अब लगभग तीस से चालीस मिनट लग जाते हैं। टोटो चार-चार कतारों में दौड़ते हैं और इससे बाइक, ऑटो या यहां तक कि एम्बुलेंस के लिए मार्ग निकालना लगभग असंभव हो गया है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया:
“हर शाम ऑफिस से लौटते समय जाम में फंसना आम बात हो गई है। अगर किसी को अचानक अस्पताल जाना पड़े तो यह भगवान भरोसे है।“
सड़कों पर इस अव्यवस्था ने आमजन के जीवन को भय और असुविधा दोनों से भर दिया है।
प्रशासनिक नियंत्रण की कमी
टोटो चालकों की मनमानी का सबसे बड़ा कारण प्रशासनिक नियंत्रण की कमी है। न चालकों की उम्र की जांच होती है, न लाइसेंस की। वाहन फिटनेस और सुरक्षा मानकों का पालन भी पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
कुछ चालक नशे की हालत में वाहन चलाते हुए देखे गए हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी केवल औपचारिकता तक सीमित रह गई है।
चालक वर्ग की व्यथा
हालांकि स्थिति गंभीर है, लेकिन कुछ टोटो चालकों का कहना है कि उनके पास कोई दूसरा रोजगार विकल्प नहीं है। महंगाई के इस दौर में यही उनकी जीविका का साधन है। उन्होंने प्रशासनिक नियमों की कमी को जिम्मेदार ठहराया, जिससे न केवल आम जनता बल्कि चालक वर्ग भी सुरक्षित नहीं रह सका।
“हम केवल परिवार का पेट पालने के लिए ये वाहन चला रहे हैं। नियम और मार्ग निर्धारित हों तो हम भी सुरक्षित रहेंगे।”
जनता की मांग — अब चाहिए कड़ा कदम
स्थानीय नागरिक ट्रैफिक विभाग से तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
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टोटो वाहनों के लिए निश्चित मार्ग और समय निर्धारित किया जाए।
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बिना रजिस्ट्रेशन और अनियंत्रित वाहनों पर रोक लगे।
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नशे में वाहन चलाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह “सुविधा” भविष्य में किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
सिवान की यह समस्या केवल ट्रैफिक व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, बल्कि शहरवासियों की सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता से जुड़ा मामला है। टोटो चालकों की मनमानी और प्रशासन की नाकामी ने शहर की सड़कों को भय और अव्यवस्था का मैदान बना दिया है।
सिवान के नागरिकों की पुकार है — “व्यवस्था लौटाओ, सड़कें बचाओ।” यदि यह पुकार प्रशासन तक पहुँची और ठोस कदम उठाए गए, तभी सिवान की सड़कें सुरक्षित और सुगम बन सकती हैं।