दीवाली के बाद बाजार में ठंडक: सोना और चांदी दोनों में आई भारी गिरावट
मुंबई। वैश्विक बाजारों में गिरावट के असर से भारतीय बाजार में भी मंगलवार को मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सोना और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली।
दीवाली के दिन आम तौर पर खरीदारी का माहौल रहता है, लेकिन इस बार निवेशकों ने मुनाफावसूली करते हुए कीमती धातुओं में बिकवाली का रुख अपनाया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना और चांदी दोनों में तेज़ सुधार देखा गया, जबकि स्पॉट बाजारों में कारोबार बेहद सीमित रहा।
सोना 5% टूटा, चांदी में 7% की गिरावट
वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में मंगलवार देर रात तक 4.6% की गिरावट दर्ज की गई।
न्यूयॉर्क के कॉमेक्स (Comex) पर सोना $4,109 प्रति औंस के स्तर तक फिसल गया, जबकि चांदी में गिरावट और भी तेज रही — यह 7% टूटकर $47.8 प्रति औंस पर पहुंच गई।
पिछले हफ्ते चांदी का भाव अपने सर्वकालिक उच्च स्तर $53.3 प्रति औंस पर था।
एमसीएक्स (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाले गोल्ड फ्यूचर ₹271 गिरकर ₹1.3 लाख प्रति 10 ग्राम पर आ गए।
वैश्विक निवेशकों का रुख बदला: ‘रिस्क-ऑन’ भावना हावी
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों का झुकाव अब “रिस्क-ऑन” एसेट्स की ओर बढ़ रहा है — यानी अब वे सुरक्षित निवेश (जैसे सोना और चांदी) के बजाय शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे साधनों में पैसा लगाने को तैयार हैं।
इस भावना ने कीमती धातुओं की मांग को कमजोर कर दिया है, जिससे बाजार में तेज सुधार देखने को मिला।
विश्लेषकों का कहना है कि यह सुधार लॉन्ग पोजिशन से निकासी और मुनाफावसूली दोनों का नतीजा है।
चूंकि दीवाली के बाद पारंपरिक खरीदारी का मौसम समाप्त हो चुका है, इसलिए घरेलू बाजार में भी मांग में अस्थायी ठहराव देखने को मिल रहा है।
घरेलू बाजार पर वैश्विक असर
मुंबई के बुलियन ट्रेडर्स ने बताया कि वैश्विक बाजार में गिरावट का सीधा असर भारत के कीमती धातु व्यापार पर पड़ा है।
सोने के दाम में गिरावट से रिटेल खरीदारों के लिए यह एक आकर्षक मौका माना जा रहा है, लेकिन थोक व्यापारियों ने फिलहाल खरीदारी से दूरी बनाई हुई है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति पर नजर बनाए हुए हैं।
यदि ब्याज दरों में कटौती जारी रहती है, तो वर्ष के अंत तक सोने की कीमतें फिर से उछाल मार सकती हैं।
दीवाली के बाद खरीदारी में ठहराव
विशेषज्ञों के अनुसार, दीवाली और धनतेरस के बाद परंपरागत रूप से सोने की खरीदारी में कमी आती है।
इस बार भी वही रुझान देखने को मिला है।
बाजार विश्लेषक मानते हैं कि नवंबर के पहले सप्ताह तक सोने की कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है, जिसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होगी।
दीर्घकालिक रुझान अब भी सकारात्मक
हालांकि वर्तमान में मुनाफावसूली से कीमतें नीचे आई हैं, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक निवेश के लिए सोना और चांदी दोनों ही सुरक्षित विकल्प बने रहेंगे।
केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी और भू-राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारक अभी भी इन धातुओं को समर्थन दे रहे हैं।
अन्य कीमती धातुओं की स्थिति
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प्लैटिनम में 1.3% की गिरावट दर्ज की गई।
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पैलेडियम हल्की बढ़त के साथ कारोबार करता रहा।
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घरेलू बाजार में 10 ग्राम सोना अब भी ₹1.3 लाख के आसपास बना हुआ है, जो वर्ष की शुरुआत की तुलना में करीब 40% ऊपर है।
निष्कर्ष: अस्थायी गिरावट, पर भरोसा कायम
मौजूदा गिरावट को विशेषज्ञ “स्वाभाविक सुधार” मान रहे हैं।
जैसे ही बाजार स्थिर होगा और अमेरिकी डेटा सामने आएगा, निवेशकों की रुचि फिर से सोने और चांदी की ओर लौटने की संभावना है।
फिलहाल निवेशक सतर्कता के साथ बाजार की दिशा पर नजर बनाए हुए हैं।
Discalimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और बाजार की प्रवृत्तियों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। सोना–चाँदी या अन्य कीमती धातुओं में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें। लेख में उल्लिखित दरें समय और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं। लेखक या प्रकाशक निवेश में हुए किसी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।