जैश-ए-मोहम्मद की नई महिला ब्रिगेड और ऑनलाइन ट्रेनिंग
नई दिल्ली। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए ‘तुफात अल-मोमिनात’ नामक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स के माध्यम से संगठन महिलाओं को जिहाद का पाठ पढ़ाकर अपने आतंकवादी नेटवर्क को मजबूत करना चाहता है।
चंदा और ऑनलाइन फॉर्म
कोर्स में दाखिला लेने वाली हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये का चंदा लिया जा रहा है और उन्हें ऑनलाइन सूचना फार्म भरवाया जा रहा है। यह कदम संगठन की धन जुटाने और नई भर्ती बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
नेतृत्व में मसूद अजहर की बहन
महिला ब्रिगेड का नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर करेंगी। सादिया अजहर की जिम्मेदारी में महिलाओं को जिहादी शिक्षा दी जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य संगठन के ठिकानों और कैडर को पुनः मजबूत करना है।
भर्ती अभियान की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, महिलाओं का भर्ती अभियान 8 नवंबर 2025 से शुरू होगा। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सादिया और उनकी बहन समायरा रोजाना 40 मिनट तक महिलाओं को ब्रिगेड में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगी।
चंदा जुटाने का उद्देश्य और रणनीति
जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों और मरकज को मजबूत करने के लिए संगठन धन उगाही अभियान चला रहा है। मसूद अजहर ने हाल ही में बहावलपुर में अपने भाषण में चंदा देने की अपील की थी। संगठन ने पूरे पाकिस्तान में 313 नए मरकज बनाने के लिए 3.91 अरब रुपये जुटाने का अभियान शुरू किया है।
महिलाओं का आतंकवादी प्रशिक्षण
हालांकि पहले जैश-ए-मोहम्मद और अन्य संगठनों ने महिलाओं का इस्तेमाल आत्मघाती हमलावरों के रूप में नहीं किया, लेकिन इस नई पहल से संकेत मिलता है कि भविष्य में महिला आतंकवादियों का प्रशिक्षण और उपयोग संभावित है।
अंतरराष्ट्रीय विवाद और पाकिस्तान की भूमिका
पाकिस्तान वैश्विक मंचों पर खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है और FATF नियमों का पालन करने का दावा करता है। लेकिन संगठन खुलेआम अपने मरकज के माध्यम से महिलाओं की भर्ती और धन जुटाने का कार्य कर रहा है।
जैश-ए-मोहम्मद का यह कदम पाकिस्तान और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत करता है। महिला ब्रिगेड के गठन और ऑनलाइन जिहाद कोर्स के माध्यम से संगठन नई रणनीति और अंतरराष्ट्रीय दबाव को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।