रामनरेश राम की 15वीं बरसी पर परिवर्तन का संकल्प
भाकपा(माले) ने शनिवार को सहार (तरारी) के पूर्व विधायक और सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक नेता कॉमरेड रामनरेश राम की 15वीं बरसी पर एक ऐतिहासिक “परिवर्तन संकल्प यात्रा” का आयोजन किया। यह यात्रा बिहार के आरा ज़िले के एकवारी से सहार तक निकाली गई, जो करीब 12 किलोमीटर लंबी रही।
यात्रा का शुभारंभ और श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद मास्टर जगदीश प्रसाद स्मारक स्थल, एकवारी से झंडोत्तोलन और माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद यात्रा ने पेरहाप, राजदेव नगर, खैरा और करवासीन जैसे गांवों से होकर सहार स्थित रामनरेश राम स्मारक स्थल तक पहुंचकर समापन किया। इस अवसर पर हजारों कार्यकर्ता “बदलो सरकार, बदलो बिहार” के नारों के साथ आगे बढ़ते दिखे।

संकल्प यात्रा में शामिल हुए प्रमुख नेता
यात्रा के समापन स्थल पर आयोजित जनसभा में भाकपा(माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, राज्य सचिव कुणाल, आरा सांसद सुदामा प्रसाद, काराकाट सांसद राजाराम सिंह, ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, और INDIA गठबंधन प्रत्याशी क्यामुद्दीन अंसारी, शिवप्रकाश रंजन और मदन सिंह चंद्रवंशी उपस्थित रहे।
दीपंकर भट्टाचार्य का संबोधन: “बदलो सरकार, बदलो बिहार”
सभा को संबोधित करते हुए महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कॉमरेड रामनरेश राम, मास्टर जगदीश महतो, रामेश्वर यादव और बूटन मुसहर ने पिछली सदी के 70 के दशक में जिस सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई शुरू की थी, वह आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि कॉमरेड रामनरेश राम 1995 से 2010 तक सहार (अब तरारी) से विधायक रहे और उन्होंने बिहार में सामंतवाद के खिलाफ लगातार संघर्ष किया।
उन्होंने कहा,
“आज जब आरएसएस-भाजपा की सामंती ताकतें कॉरपोरेट पूंजीवाद के साथ मिलकर देश पर फासीवाद थोपने की कोशिश कर रही हैं, हमें रामनरेश राम के संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।”
संकल्प पत्र जारी और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी
इस मौके पर भाकपा(माले) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना ‘परिवर्तन संकल्प पत्र’ भी जारी किया। इस संकल्प पत्र में किसानों, मजदूरों, दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को लेकर ठोस वादे किए गए हैं। पार्टी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ जनता के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेगी।
भाजपा पर तीखा हमला
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा लगातार संविधान पर हमले कर रही है और बिहार को “अडानी की प्रयोगशाला” बनाने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि राजनीतिक बदलाव की पुकार है, जो आने वाले चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
एकजुट विपक्ष और जनता की भूमिका
सभा में INDIA गठबंधन के जिला संयोजक बीरबल यादव, भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य विनोद सिंह (झारखंड), अतुल दिघे (महाराष्ट्र), रवि राय (दिल्ली), और कई अन्य नेताओं ने भी भाग लिया। सभी ने कहा कि बिहार के लोगों को अब नई दिशा और नई सरकार की जरूरत है।
निष्कर्ष: सामाजिक परिवर्तन की मशाल फिर से प्रज्वलित
“परिवर्तन संकल्प यात्रा” ने एक बात स्पष्ट कर दी — रामनरेश राम की विचारधारा अब भी जीवित है। बिहार में सामाजिक न्याय और समानता के लिए यह संघर्ष नई ऊर्जा और जनसमर्थन के साथ आगे बढ़ रहा है।