छठ 2025 : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण की तैयारी चरम पर
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ घाटों पर उमड़ने लगी है। नगर प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए हैं, ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर सकें।
छठ का पावन अर्थ और महत्व
छठ पर्व सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का प्रतीक है। यह पर्व केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि लोक संस्कृति, अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण का जीवंत उदाहरण है। महिलाएं कठोर नियम-निष्ठा का पालन करते हुए 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं और अस्ताचलगामी तथा उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
घाटों पर छठ की रौनक और प्रशासनिक तैयारी
मुजफ्फरपुर नगर निगम ने जिले के 100 से अधिक छठ घाटों को आकर्षक सजावट से संवार दिया है। घाटों पर रंगीन झंडे, विद्युत झालरों और सुरक्षा बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है। व्रतियों के स्नान और पूजा स्थल तक साफ रास्ते बनाए गए हैं।
नगर आयुक्त ने बताया कि प्रत्येक घाट पर एनडीआरएफ और होमगार्ड की तैनाती की गई है। जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है और मेडिकल टीम भी मुस्तैद है।
व्रतियों की निष्ठा और परिवार का उल्लास
व्रतियों ने रविवार को खरना का अनुष्ठान पूर्ण विधि-विधान से किया। खरना के उपरांत उन्होंने गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण किया और परिवार के अन्य सदस्यों को भी बांटा। आज संध्या के समय अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। श्रद्धा, भक्ति और लोकगीतों से पूरा वातावरण मंगलमय हो उठा है।
छठी मैया के गीतों से गूंजा नगर
नगर के प्रत्येक मोहल्ले, घाट और आंगन में छठी मैया के पारंपरिक गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। महिलाएं सामूहिक रूप से गीत गा रही हैं —
“कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…”
“केरवा जे फरेला, आदित होई न सहाय…”
इन गीतों ने वातावरण को पूर्णत: भक्तिमय बना दिया है।
ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था पर प्रशासन की सतर्क दृष्टि
जिले के सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ की गई है। प्रशासन ने रविवार से ही बाजार और घाटों के आसपास वाहनों के आवागमन को नियंत्रित किया है। जिला प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया है। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर होगा पर्व का समापन
चार दिवसीय इस पर्व का समापन मंगलवार की प्रात:काल होगा, जब श्रद्धालु उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके बाद व्रतियों द्वारा परिवार और समाज की सुख-शांति की कामना के साथ व्रत का समापन किया जाएगा।
मुजफ्फरपुर सहित पूरे बिहार में श्रद्धा और भक्ति का अभूतपूर्व वातावरण देखा जा रहा है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय लोकसंस्कृति की आत्मा भी है।
छठ महापर्व आस्था, अनुशासन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का अनूठा संगम है। सूर्य उपासना का यह पर्व मानव और प्रकृति के बीच संतुलन का प्रतीक है। मुजफ्फरपुर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ इस पर्व की लोकप्रियता और पवित्रता को प्रमाणित करती है।