पालघर में ड्रोन दिखने की ख़बरों से मची हलचल, पुलिस ने की शांति की अपील
पालघर, महाराष्ट्र (27 अक्टूबर 2025):
महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में बीते दिनों कुछ क्षेत्रों में अज्ञात ड्रोन उड़ते देखे जाने की सूचना के बाद नागरिकों में हलचल मच गई। ग्रामीण इलाक़ों में फैल रही अफवाहों और असमंजस के माहौल को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने आम जनता से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है।
मुरबे से सटपाटी तक दिखे रहस्यमयी ड्रोन
पुलिस के अनुसार, 24 अक्टूबर की रात को पालघर के मुरबे, सटपाटी, नंदगांव, खारेकुरन और आसपास के क्षेत्रों में कुछ स्थानीय निवासियों ने आसमान में उड़ते हुए अज्ञात ड्रोन जैसी वस्तुएँ देखी थीं। इन रिपोर्टों के बाद ग्रामीणों में भय और जिज्ञासा दोनों का माहौल बन गया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इन घटनाओं की चर्चा की, जिससे स्थिति और संवेदनशील हो गई।
पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई
पालघर ग्रामीण पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क किया है। पुलिस अधीक्षक यतीश देशमुख ने जानकारी दी कि प्रशासन मामले की गहन जाँच कर रहा है और ड्रोन के स्रोत, उद्देश्य तथा उड़ान की वैधता की पुष्टि की जा रही है।
देशमुख ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति ने ड्रोन का संचालन बिना अनुमति के किया है, तो उस पर भारतीय विमानन नियमों के तहत सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
अफवाहों से बचने की अपील
पुलिस ने नागरिकों से कहा है कि वे सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि की गई जानकारी साझा न करें। अफवाहें फैलाने से न केवल भ्रम की स्थिति बनती है बल्कि जाँच में भी बाधा उत्पन्न होती है। देशमुख ने कहा,
“हमारी अपील है कि नागरिक संयम बनाए रखें। यदि किसी को संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें। हर सूचना पर गंभीरता से कार्यवाही की जाएगी।”
स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता
ड्रोन देखे जाने की घटनाओं से स्थानीय ग्रामीणों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। कई लोगों का कहना है कि रात्रि के समय अज्ञात ड्रोन उड़ते देखना असामान्य है और इससे भय का माहौल बनता है। कुछ लोगों ने यह भी आशंका जताई कि ड्रोन निगरानी या अन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग किए जा रहे हो सकते हैं।
सरकारी विभागों की संयुक्त जाँच
जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की जाँच में गृह विभाग, नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (DGCA) और स्थानीय खुफ़िया इकाइयों की सहायता ली जा रही है।
जाँच का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ड्रोन गतिविधि कहीं सुरक्षा के लिहाज़ से ख़तरा तो नहीं बन रही।
तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका
पालघर पुलिस ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को भी बुलाया है जो यह जाँच करेगी कि ड्रोन की उड़ान सीमा, रडार पहचान और कैमरा रिकॉर्डिंग जैसी तकनीकी जानकारियाँ क्या कहती हैं। इससे यह तय किया जा सकेगा कि ड्रोन स्थानीय स्तर पर उड़ाए गए थे या किसी बाहरी क्षेत्र से।
आगामी कदम और जनता की भूमिका
पुलिस ने कहा है कि क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य है। नागरिकों से अपेक्षा की गई है कि वे किसी भी अनधिकृत ड्रोन गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाता पाया गया, तो उसके विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अफवाहों पर नहीं, तथ्यों पर करें भरोसा
पालघर पुलिस की यह पहल न केवल शांति बनाए रखने की दिशा में है, बल्कि सुरक्षा दृष्टि से भी आवश्यक कदम है। ऐसे समय में जब तकनीक और सोशल मीडिया के ज़रिए सूचना बहुत तेज़ी से फैलती है, तब नागरिकों की ज़िम्मेदारी है कि वे सत्यापन के बाद ही किसी भी ख़बर को साझा करें।
पुलिस प्रशासन की सक्रियता से उम्मीद है कि जल्द ही ड्रोन की सच्चाई सामने आएगी और नागरिकों का भय दूर होगा।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।