कोटा-बूंदी में झमाझम बारिश से मचा हाहाकार
राजस्थान के कोटा और बूंदी ज़िलों में आधी रात से शुरू हुई तेज़ बारिश ने सोमवार सुबह तक जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया।
हालांकि लगातार हो रही बारिश ने गर्मी से राहत दी, लेकिन इससे किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ गईं। खेतों में खड़ी गेहूं और धान की फसलें अब भारी नुकसान की चपेट में आ गई हैं।
किसानों की आंखों में चिंता की लकीरें
रविवार आधी रात के बाद से शुरू हुई यह बरसात किसानों के लिए राहत से ज़्यादा आफत बनकर आई।
कोटा और बूंदी के कई ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों की जड़ें गलने लगी हैं।
स्थानीय किसान हीरालाल ने बताया—
“इस बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अब गेहूं की फसल ठीक से नहीं उगेगी।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या धान की फसल पर भी असर पड़ा है, तो उन्होंने कहा,
“धान की फसल तो कटाई पर है, लेकिन गेहूं की फसल पूरी तरह प्रभावित हो रही है। रात 12 बजे से बारिश शुरू हुई और उससे पहले भी हल्की बौछारें हो चुकी थीं।”
खेतों में पानी भरने से फसलें चौपट
एक अन्य किसान रामस्वरूप ने बताया—
“बहुत तेज़ बारिश हो रही है। पानी खेतों में घुस गया है, जिससे फसलों का बहुत नुकसान हुआ है। सबसे ज़्यादा असर धान और गेहूं की फसलों पर पड़ा है।”
किसानों का कहना है कि अगर अगले 24 घंटे तक बारिश जारी रही तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी।
बाजारों में सन्नाटा और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर
केवल किसान ही नहीं, आम लोग और छोटे व्यापारी भी इस बरसात से बेहाल हैं।
बूंदी शहर में दुकानदार गुलशन आहूजा ने बताया—
“यहां रात 11 बजे से बारिश शुरू हुई थी, और धीरे-धीरे और तेज़ होती चली गई। आज तो बिल्कुल भी कारोबार नहीं हुआ, एक भी ग्राहक नहीं आया।”
आम लोगों की परेशानी, ठंड ने दी दस्तक
शहरवासियों के लिए यह बारिश ठंड का शुरुआती संकेत भी लेकर आई है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया—
“ऑफिस जाना पड़ रहा है, बहुत दिक्कत हो रही है। अब ठंड भी बढ़ेगी। ये बारिश सर्दी के मौसम की शुरुआत है।”
“छुट्टी नहीं मिली फिर भी जाना पड़ा काम पर”
एक अन्य स्थानीय निवासी फिज़ा ने कहा—
“सुबह से लगातार बारिश हो रही है, लेकिन हमें छुट्टी नहीं मिली। रात से ही बारिश हो रही है और अब भी जारी है। काम पर जाना ही पड़ेगा।”
मौसम विभाग ने फिर जारी की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कोटा और बूंदी ज़िलों में 28 अक्टूबर को भी भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी जारी की है।
विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में सक्रिय निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटों तक वर्षा जारी रखेगा।
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे फिलहाल फसलों की कटाई न करें और खेतों में जलभराव से बचाव के उपाय अपनाएं।
राहत या मुसीबत?—किसानों की दुविधा
जहां एक ओर बारिश ने लंबे समय से झेल रही गर्मी और सूखे जैसी स्थिति से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर खेतों में खड़ी फसलों पर संकट गहराता जा रहा है।
स्थानीय कृषि अधिकारियों का कहना है कि यदि बारिश अगले दो दिनों तक जारी रही, तो गेहूं और धान दोनों की पैदावार पर गंभीर असर पड़ेगा।
कोटा और बूंदी के किसान अब सरकार से मुआवज़े और राहत पैकेज की मांग करने की तैयारी में हैं।
गांव-गांव में लोग इस उम्मीद में हैं कि प्रशासन जल्द नुकसान का सर्वे कर किसानों को राहत पहुंचाएगा।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।