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Rupee Falls: रुपया 4 पैसे गिरकर 87.87 प्रति डॉलर पर पहुंचा, विदेशी बाजारों के दबाव से रुपये पर असर

Rupee falls – वैश्विक दबाव के बीच भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे गिरकर 87.87 पर
Rupee falls – वैश्विक दबाव के बीच भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे गिरकर 87.87 पर
अक्टूबर 27, 2025

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आर्थिक डेस्क):
भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे कमजोर होकर ₹87.87 प्रति डॉलर पर आ गया। वैश्विक मुद्रा बाजारों में डॉलर की मजबूती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण घरेलू मुद्रा पर दबाव देखने को मिला।


विदेशी निवेश की निकासी और डॉलर की मांग से बढ़ा दबाव

फॉरेक्स ट्रेडरों के अनुसार, घरेलू इक्विटी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की बिकवाली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर इंडेक्स की मजबूती ने रुपये को कमजोर किया।
एक वरिष्ठ डीलर ने बताया, “डॉलर की मांग आयातकों की ओर से बढ़ी है, जबकि विदेशी निवेशक भी मुनाफावसूली कर रहे हैं। इससे रुपये पर तात्कालिक दबाव बना।”

रविवार को अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को मापता है, 0.21% की बढ़त के साथ 107.12 स्तर पर पहुंच गया।


कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने बढ़ाई चिंता

रुपये की गिरावट में एक और प्रमुख कारण रहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा।
ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स सोमवार सुबह $91 प्रति बैरल के पार पहुंच गए, जिससे भारत जैसे आयात-निर्भर देशों की चालू खाते की स्थिति पर दबाव बढ़ा।

एक विश्लेषक ने बताया, “तेल की कीमतों में हर डॉलर की वृद्धि भारत के आयात बिल को बढ़ाती है और रुपया स्वाभाविक रूप से कमजोर होता है।”


पिछले सप्ताह स्थिरता, अब हल्की कमजोरी

पिछले सप्ताह रुपया अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ था और 87.82 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।
हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में वैश्विक बाजारों में डॉलर की मांग बढ़ने और मध्य-पूर्व के भू-राजनीतिक तनाव के कारण रुपये ने कमजोर शुरुआत की।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में रुपये की चाल 87.80 से 88.20 प्रति डॉलर के दायरे में रह सकती है।


शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत

सोमवार सुबह शेयर बाजार ने भी हल्की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया।
बीएसई सेंसेक्स लगभग 120 अंकों की गिरावट के साथ 77,230 पर और एनएसई निफ्टी 50 सूचकांक 23,460 के आसपास कारोबार कर रहा था।

विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा की जा रही बिकवाली से शेयर बाजार में भी सुस्ती का माहौल बना हुआ है।


वैश्विक मुद्राओं की स्थिति

अन्य एशियाई मुद्राओं में भी गिरावट देखी गई।
जापानी येन और कोरियाई वोन, दोनों डॉलर के मुकाबले कमजोर हुए हैं, जबकि चीनी युआन में भी सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव जारी है।
फॉरेक्स विशेषज्ञों ने कहा, “वैश्विक डॉलर की मजबूती के बीच रुपये की यह गिरावट अपेक्षित थी, यह किसी घरेलू नीतिगत कमजोरी का संकेत नहीं है।”


आरबीआई की भूमिका और आगे की संभावनाएँ

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने पिछले कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा बाजार में कई बार हस्तक्षेप कर रुपये को स्थिर बनाए रखने का प्रयास किया है।
हालांकि, इस बार विशेषज्ञों का मानना है कि RBI फिलहाल “मिनिमल इंटरवेंशन मोड” में है और केवल अत्यधिक उतार-चढ़ाव की स्थिति में ही कार्रवाई करेगा।

एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने कहा, “RBI का लक्ष्य स्थिरता है, मजबूती नहीं। अगर रुपया 88 के पार जाता है तो ही केंद्रीय बैंक सख्त कदम उठा सकता है।”


रुपये की यह मामूली गिरावट फिलहाल व्यापक आर्थिक स्थिरता को नहीं झकझोरती, लेकिन यह संकेत जरूर देती है कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भारत की मुद्रा पर सीधा असर डाल रहे हैं।

निवेशकों की निगाह अब इस सप्ताह आने वाले अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के ब्याज दर संकेतों और आरबीआई की मौद्रिक नीति पर टिकी रहेगी, जो आने वाले दिनों में रुपये की दिशा तय करेगी।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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