नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्रीय संवाददाता):
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों से अपील की कि वे आगामी 31 अक्टूबर को आयोजित होने वाली “एकता की दौड़ (Run for Unity)” में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और “भारत के लौह पुरुष” सरदार वल्लभभाई पटेल के 150वें जन्म जयंती वर्ष को पूरे उत्साह और एकता की भावना के साथ मनाएं।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर संदेश साझा करते हुए कहा,
“31 अक्टूबर को ‘रन फॉर यूनिटी’ में शामिल हों और एकजुटता की भावना का उत्सव मनाएं! आइए, सरदार पटेल के एक अखंड भारत के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाएं।”
सरदार पटेल – अखंड भारत के शिल्पकार
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेताओं में से एक, सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था।
आज़ादी के बाद उन्होंने देश के पहले गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
उनका सबसे बड़ा योगदान था – 500 से अधिक रियासतों का एकीकरण, जिसने भारत के वर्तमान स्वरूप को आकार दिया।
उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ निश्चय के कारण ही आज भारत एक संगठित राष्ट्र के रूप में खड़ा है।
इसलिए उनकी जयंती को हर वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) के रूप में मनाया जाता है।
31 अक्टूबर को केवड़िया में परेड का नेतृत्व करेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी इस वर्ष भी गुजरात के केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का नेतृत्व करेंगे।
यह वही स्थान है जहाँ “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” — सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थित है।
यह आयोजन न केवल सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक है, बल्कि युवाओं और नागरिकों में देशभक्ति और एकता की भावना को सशक्त बनाने का माध्यम भी है।
देशभर में आयोजित होंगे ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी इस विशेष दिन का उल्लेख करते हुए कहा था कि,
“31 अक्टूबर इस बार और भी विशेष है क्योंकि यह सरदार पटेल की 150वीं जयंती का अवसर है। आइए, हम सब मिलकर एकता के इस पर्व को नई ऊर्जा के साथ मनाएं।”
देश के हर राज्य और ज़िले में ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन की तैयारियाँ जोरों पर हैं।
कई शैक्षणिक संस्थान, खेल संगठन और सरकारी विभाग इसमें भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।
दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, भोपाल, जयपुर और वाराणसी सहित सभी प्रमुख शहरों में दौड़ आयोजित की जाएगी।
एकता की दौड़ – देश को जोड़ने का प्रतीक
‘रन फॉर यूनिटी’ सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुका है।
हर वर्ष यह कार्यक्रम युवाओं को याद दिलाता है कि सरदार पटेल का सपना केवल सीमाओं का नहीं, दिलों के जुड़ाव का भारत था।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि,
“एकता की इस दौड़ में हर भारतीय का कदम सरदार पटेल के उस सपने को मजबूत करता है, जो उन्होंने भारत को एक सूत्र में पिरोने के लिए देखा था।”
सरदार पटेल की विरासत – भारत की आत्मा में बसती है
भारत के लौह पुरुष ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति से देश को संगठित किया, वही आज के भारत के राजनीतिक और सामाजिक ढाँचे की नींव है।
उनकी नीति, सादगी और निर्णय क्षमता आज भी देश के नेतृत्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
गुजरात के नर्मदा ज़िले में स्थित “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” — 182 मीटर ऊँची प्रतिमा, उनकी विरासत का प्रतीक है।
हर वर्ष लाखों लोग यहाँ आकर उनके योगदान को नमन करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह आह्वान न केवल सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह उस भारत के लिए भी प्रेरणा है जो एकता, अखंडता और सामूहिक शक्ति में विश्वास रखता है।
31 अक्टूबर को जब देशभर में लाखों लोग एक साथ “रन फॉर यूनिटी” में दौड़ेंगे, तब यह सिर्फ एक आयोजन नहीं होगा — यह सरदार पटेल के उस अटूट विश्वास का उत्सव होगा कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” ही राष्ट्र की सच्ची पहचान है।
ये न्यूज पीटीआई (PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।