राष्ट्रीय एकता का संदेश: अमित शाह का मुंबई में उद्बोधन
मुंबई में आयोजित एक विशाल जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और देश के भविष्य की दिशा पर अपने विचार रखते हुए कहा कि “भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मार्ग पर चलकर भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प रखती है।” शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का एक सतत आंदोलन है।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही भारत की आत्मा
अपने भाषण में अमित शाह ने कहा कि भारत की पहचान केवल उसकी सीमाओं या शासन व्यवस्था से नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता से होती है। उन्होंने कहा, “जो राष्ट्र अपनी संस्कृति से कट जाता है, वह दिशा और दृष्टि दोनों खो देता है। भाजपा इसीलिए भारत की संस्कृति को केंद्र में रखकर राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रही है।”
शाह ने स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का उत्थान तभी संभव है जब हम अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे।
विपक्ष पर तीखा प्रहार
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर भी करारा वार करते हुए कहा कि जो लोग राष्ट्रवाद का मज़ाक उड़ाते हैं, वे वास्तव में भारत की आत्मा को नहीं समझते। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन दलों ने दशकों तक शासन किया, उन्होंने भारत की संस्कृति को हाशिए पर धकेलने का काम किया।
शाह ने कहा, “भाजपा ऐसी राजनीति में विश्वास नहीं करती जो तुष्टीकरण पर आधारित हो। हमारा ध्येय ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ है।”
महाराष्ट्र में विकास और सुरक्षा पर बल
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में महाराष्ट्र के विकास कार्यों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुंबई और पुणे को अंतरराष्ट्रीय निवेश केंद्रों के रूप में विकसित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। साथ ही उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए आधुनिक तकनीक से सुसज्जित पुलिस प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने सदैव राष्ट्रवाद और विकास की राजनीति को प्राथमिकता दी है और यही भावना भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाएगी।
युवा शक्ति को किया आह्वान
अमित शाह ने अपने भाषण में युवाओं से अपील की कि वे भारत की गौरवशाली परंपरा और संविधानिक मूल्यों को आत्मसात करें। उन्होंने कहा, “नया भारत केवल आधुनिक तकनीक से नहीं, बल्कि प्राचीन मूल्यों की शक्ति से भी निर्मित होगा।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं जैसे ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजनाएँ भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर कर रही हैं।
सांस्कृतिक चेतना से विश्वगुरु बनने की राह
शाह ने अपने भाषण के समापन में कहा कि जब तक हर नागरिक अपने अंदर भारत की संस्कृति, परंपरा और मूल्य को नहीं अपनाएगा, तब तक भारत का पुनरुत्थान अधूरा रहेगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्थान है। जब भारत अपने मूल्यों पर खड़ा होगा, तब दुनिया स्वयं उसे विश्वगुरु के रूप में स्वीकार करेगी।”
सभा में उमड़ी भारी भीड़
मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस जनसभा में हजारों कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित थे। पूरे परिसर में “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारों की गूंज सुनाई दी। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र भाजपा इकाई द्वारा किया गया था, जिसमें राज्य के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।