मुजफ्फरपुर। बिहार के उत्तरी हिस्से में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में 100 बेड के क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है। इस अत्याधुनिक यूनिट पर कुल 37 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके पूरा होने के बाद अस्पताल की कुल क्षमता 300 बेड तक बढ़ जाएगी, जिससे गंभीर मरीजों के उपचार में बड़ी राहत मिलेगी।
पांच मंजिला आधुनिक बिल्डिंग तैयार होगी
सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बी.एस. झा ने जानकारी दी कि क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य विधिवत शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि छठ पर्व के बाद निर्माण कार्य को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। यह पांच मंजिला भवन होगा जिसमें अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
अधीक्षक के अनुसार, अस्पताल परिसर में पहले से ही एक एक बेड मॉडल अस्पताल और 100 बेड के मातृ-शिशु अस्पताल की योजनाएं भी प्रगति पर हैं।
हर बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट और वेंटिलेटर
डॉ. झा ने बताया कि यह ब्लॉक सामान्य अस्पतालों से अलग होगा और सभी 100 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड होंगे। यहां वेंटिलेटर, बीपी मॉनिटर, पल्स मॉनिटर और अन्य जीवनरक्षक उपकरण लगाए जाएंगे।
साथ ही, 24 घंटे के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी गंभीर स्थिति में तुरंत इलाज मिल सके।
कोविड के अनुभव से सीखा गया सबक
अधीक्षक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान क्रिटिकल केयर सुविधाओं की भारी कमी महसूस की गई थी। कई मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर की अनुपलब्धता के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, “हमने उस कठिन दौर से सीख ली है। इस ब्लॉक के बन जाने से अब किसी भी महामारी या आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत और प्रभावी उपचार मिल सकेगा।”
सुविधाओं में शामिल होंगे आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड और सर्जिकल यूनिट
नई क्रिटिकल केयर यूनिट में आईसीयू (ICU), आइसोलेशन वार्ड, सर्जिकल यूनिट, लेबर डिपार्टमेंट, डिलीवरी व रिकवरी रूम, और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए विशेष विभाग की व्यवस्था की जा रही है।
इसके अलावा, यहां गैस पाइपलाइन सिस्टम, ऑक्सीजन सप्लाई नेटवर्क और इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि मरीजों को सुरक्षित वातावरण में इलाज मिल सके।
निर्माण एजेंसी ने काम शुरू किया
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, निर्माण एजेंसी ने कार्य प्रारंभ कर दिया है और निर्धारित समय सीमा के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भवन तैयार होने के बाद मरीजों को ऐसी चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी जो अब तक सिर्फ बड़े शहरों के अस्पतालों में उपलब्ध थीं।
जिले के लोगों को मिलेगा बड़ा लाभ
मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों के मरीजों को अब गंभीर बीमारियों के लिए पटना या अन्य महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
स्थानीय नागरिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस यूनिट के निर्माण से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और आपातकालीन स्थितियों में मरीजों की जान बचाना आसान होगा।
स्वास्थ्य सुधार की दिशा में मजबूत कदम
राज्य सरकार की ओर से यह परियोजना बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाती है, तो मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल उत्तर बिहार का एक मॉडल हॉस्पिटल बन सकता है।