पटना में छठ पूजा की रौनक, महंगाई के बावजूद उमड़ा जनसैलाब — गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पटना। बिहार की राजधानी पटना इन दिनों छठ महापर्व की आस्था और उत्साह से सराबोर है। बाजारों में रौनक, गलियों में भीड़ और घाटों पर तैयारियों का दौर—हर तरफ छठी मैया के जयकारे गूंज रहे हैं।
बाजारों में बढ़ी रौनक, पर नहीं थमा भक्तों का जोश
संध्या अर्घ्य और ऊषा अर्घ्य की तैयारियों के लिए लोग सब्जी, फल और पूजा सामग्री की खरीदारी में जुटे हैं। कीमतें बढ़ी जरूर हैं, लेकिन श्रद्धा के आगे महंगाई का कोई असर नहीं दिख रहा।
सीमा देवी, एक स्थानीय खरीददार कहती हैं,
“फलों की कीमतें ज्यादा हैं, लेकिन छठ तो करना ही है। चाहे महंगा हो या सस्ता, खरीदना तो पड़ेगा, क्योंकि ये छठी मैया का प्रसाद है।”
वहीं मुकेश कुमार, एक अन्य ग्राहक का कहना है,
“भाव थोड़ा बढ़ा है, लेकिन छठ ऐसा पर्व है जिसमें कोई कमी नहीं रखी जाती। जो बाहर काम करते हैं, वे इसी बहाने घर लौटते हैं और परिवार के साथ ये त्योहार मनाते हैं। इसलिए भाव की परवाह कोई नहीं करता।”
दुकानदार बोले – सब महंगा हुआ, पर खरीदार कम नहीं
पटना के बाजारों में फल, गन्ना, केला, डाभ, नारियल और सुथनी की मांग चरम पर है।
फल विक्रेता उमेश कुशवाहा बताते हैं,
“सब चीजें महंगी हुई हैं — चाहे फल हों या पूजा सामग्री, लेकिन ग्राहक फिर भी खरीद रहे हैं। सबको पता है कि आजकल महंगाई ज्यादा है, पर श्रद्धा के आगे कोई नहीं रुकता।”
गंगा घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जैसे-जैसे संध्या अर्घ्य का समय नजदीक आ रहा है, प्रशासन की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। जिला प्रशासन ने गंगा तटों पर विशेष इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।

पुलिस अधीक्षक दीक्षा, पटना, ने बताया —
“हम बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद कर रहे हैं। इसके लिए ट्रैफिक को सेक्टरों में बांटा गया है और पार्किंग व्यवस्था की गई है। SDRF और NDRF की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं, नावें गश्त कर रही हैं ताकि सुरक्षा में कोई कमी न रहे।”
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
पटना के कलेक्टर घाट, कुर्बानपुर घाट, नगला घाट, और दीघा घाट पर सोमवार की शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। महिलाएं गीत गा रही हैं — “कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…” — और पूरा वातावरण आस्था और भक्ति से भरा हुआ है।
मंगलवार को होगा महाअर्घ्य
चार दिन तक चलने वाला यह पर्व मंगलवार को ऊषा अर्घ्य के साथ संपन्न होगा, जब श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। यह वह क्षण होगा जब बिहार समेत पूरे उत्तर भारत के घाटों पर आस्था की अनोखी तस्वीर दिखेगी — हजारों महिलाएं हाथों में सूप लिए सूर्यदेव को प्रणाम करतीं, और आसमान में गूंजता रहेगा “जय छठी मईया।”
पटना की हवा में इस समय सिर्फ एक ही भाव है — भक्ति और उल्लास। चाहे कीमतें बढ़ी हों या भीड़ ज्यादा, हर व्यक्ति के दिल में बस यही भावना है कि छठी मैया की पूजा बिना किसी कमी के पूरी हो। प्रशासन की सतर्कता, श्रद्धालुओं की आस्था और घाटों की तैयारी—सब मिलकर यह संदेश दे रहे हैं कि छठ केवल पर्व नहीं, बिहार की पहचान है।
