दिल्ली में बाहरी गैर-बीएस-6 वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध : प्रदूषण संकट पर सख़्त कदम
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2025 — राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक निर्णायक कदम उठाया है। आगामी 1 नवंबर से दिल्ली में बाहरी राज्यों के गैर-बीएस-6 (Non-BS-VI) श्रेणी के वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों का प्रवेश पूरी तरह निषिद्ध होगा। यह निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है।
यह आदेश दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अब केवल बीएस-6 श्रेणी के वाहनों को ही राजधानी में प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु दीर्घकालिक रणनीति
राजधानी की वायु गुणवत्ता हर सर्दी में चिंताजनक स्तर पर पहुँच जाती है। ऐसे में यह निर्णय केवल अस्थायी नहीं बल्कि दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बीएस-6 मानक वाले वाहन अपेक्षाकृत कम प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं और डीज़ल आधारित पुरानी गाड़ियों से निकलने वाले विषैले तत्वों को काफी हद तक कम करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिबंध आने वाले वर्षों में प्रदूषण स्तर में उल्लेखनीय कमी ला सकता है।
सीमित अवधि के लिए संक्रमणकालीन अनुमति
परिवहन विभाग के अनुसार, बीएस-4 श्रेणी के वाणिज्यिक वाहनों को केवल 31 अक्टूबर 2026 तक ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, वह भी एक संक्रमणकालीन व्यवस्था के रूप में। इसके बाद इन वाहनों का प्रवेश भी पूर्णतः प्रतिबंधित होगा।
हालाँकि, दिल्ली में पंजीकृत बीएस-6, बीएस-4 डीज़ल वाहन, तथा सीएनजी, एलएनजी अथवा विद्युत चालित वाहन इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सख़्त निगरानी
दिल्ली में लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के अंतर्गत भी प्रदूषण की स्थिति के आधार पर वाहन प्रतिबंध लागू रहेंगे। जब प्रदूषण का स्तर “गंभीर” श्रेणी में पहुँच जाएगा, तब बाहरी डीज़ल वाहनों के प्रवेश पर अतिरिक्त नियंत्रण लगाया जाएगा।
इस दौरान आवश्यक वस्तुओं जैसे सब्ज़ी, दूध, या चिकित्सा सामग्री लाने वाले वाहनों को ही सीमित अनुमति दी जाएगी।
जनता के लिए परिवहन विभाग की अपील
दिल्ली परिवहन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे पर्यावरण की रक्षा हेतु इस निर्णय का पालन करें। वाहन मालिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने वाहनों को बीएस-6 मानकों के अनुरूप अद्यतन कराएँ या स्वच्छ ईंधन आधारित विकल्पों का उपयोग करें।
इसके साथ ही विभाग ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में बीएस-4 वाहनों के लिए दिल्ली में पंजीकरण नवीनीकरण भी सीमित किया जा सकता है।
राजधानी के प्रदूषण संकट पर निर्णायक मोड़
इस निर्णय को दिल्ली की प्रदूषण नीति में एक “ऐतिहासिक मोड़” के रूप में देखा जा रहा है। हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर के दौरान पराली जलने, निर्माण धूल, और वाहनों के उत्सर्जन से दिल्ली की वायु गंभीर रूप से प्रदूषित हो जाती है। ऐसे में गैर-बीएस-6 वाहनों पर रोक को एक ठोस कदम माना जा रहा है जो राष्ट्रीय राजधानी को स्वच्छ हवा की दिशा में अग्रसर करेगा।
पर्यावरणविदों का कहना है कि यदि इस नीति को सख़्ती से लागू किया गया, तो आने वाले वर्षों में PM2.5 और PM10 स्तर में 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी संभव है।
स्वच्छ हवा की ओर एक नया अध्याय
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मिलकर चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य केवल प्रतिबंध नहीं, बल्कि एक स्थायी समाधान तैयार करना है। यह निर्णय न केवल राजधानी की वायु गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगा, बल्कि अन्य महानगरों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।