सेवानिवृत्त शिक्षक ने आत्महत्या का प्रयास किया, बेटी ने लगाया गंभीर आरोप
लातूर, महाराष्ट्र | 27 अक्टूबर 2025
महाराष्ट्र के लातूर ज़िले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है जहाँ एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने आत्महत्या का प्रयास किया। उनकी बेटी ने आरोप लगाया है कि राज्य के एक मंत्री के रिश्तेदार ने उनके पिता के नाम पर ऋण लेकर उसका भुगतान नहीं किया और मानसिक प्रताड़ना दी, जिसके कारण शिक्षक ने यह कदम उठाया।
घटना का पृष्ठभूमि
सेवानिवृत्त शिक्षक की पहचान रामकांत टांडे के रूप में हुई है, जिन्होंने वर्ष 1986 से 2020 तक लातूर ज़िले के उजाना गांव के विद्यालय में अध्यापन कार्य किया। टांडे के परिवार के अनुसार, कुछ वर्ष पूर्व एक मंत्री के दामाद ने उनके पिता के नाम पर बैंक से ऋण लिया था। वचन दिया गया था कि वे स्वयं ऋण का भुगतान करेंगे, किंतु उन्होंने भुगतान नहीं किया और उल्टा शिक्षक को धमकाने लगे।
बेटी ने लगाए गंभीर आरोप
सरकारी अस्पताल, अंबाजोगाई में भर्ती रामकांत टांडे के पास बैठी उनकी बेटी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि “मेरे पिता ने मानसिक तनाव में ज़हर खा लिया क्योंकि मंत्री के रिश्तेदार ने हमारे परिवार को झूठे वादों से ठगा।”
उन्होंने आगे बताया, “मंत्री के दामाद ने हमें झूठे चेक दिए जो बाद में बाउंस हो गए। मामला अभी भी अदालत में लंबित है, परंतु पुलिस एफआईआर दर्ज करने से मना कर रही है।”
वीडियो वायरल, रोहित पवार ने उठाई आवाज़
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने यह वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स (X)’ पर साझा करते हुए कहा,
“यदि पुलिस व्यवस्था केवल सत्ताधारी नेताओं की सेवा के लिए है और आम नागरिकों को न्याय नहीं मिल सकता, तो सरकार को खुलकर यह बात स्वीकार करनी चाहिए।”
उन्होंने मांग की कि पुलिस तत्काल जांच करे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए।
पुलिस का पक्ष
किंघांव पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक माणिक दोके ने बताया कि अब तक कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस टीम दो बार अस्पताल गई लेकिन शिक्षक की बेहोशी के कारण बयान दर्ज नहीं किया जा सका।
उन्होंने कहा, “जैसे ही पीड़ित की स्थिति में सुधार होगा, हम उनका बयान लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे।”
स्थानीय जनाक्रोश और राजनीतिक हलचल
यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर आक्रोश फैल गया है। नागरिक संगठन और शिक्षक संघों ने राज्य सरकार से मांग की है कि मंत्री के रिश्तेदार की भूमिका की निष्पक्ष जांच की जाए।
वहीं विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव के चलते मामला दबाया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि ग्रामीण महाराष्ट्र में सत्ता और प्रभाव के दुरुपयोग की झलक भी प्रस्तुत करती है।
समापन विचार
सेवानिवृत्त शिक्षक का यह मामला प्रशासनिक निष्क्रियता और सत्ता के प्रभाव के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है। समाज के जिस वर्ग ने दशकों तक शिक्षा दी, आज वही न्याय पाने के लिए संघर्षरत है।
यह घटना केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि व्यवस्था की संवेदनहीनता का प्रतीक बन चुकी है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार और पुलिस तंत्र इस मामले में कितनी पारदर्शिता और तत्परता दिखाते हैं।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।