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भारत बनेगा समुद्री शक्ति का केंद्र, नितिन गडकरी ने “इंडिया मरीनटाइम वीक 2025” में रखी नई दृष्टि

अक्टूबर 27, 2025

भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश का नया युग

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में आयोजित “इंडिया मरीनटाइम वीक 2025” में कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था का अगला विकास इंजन बनेगा। कार्यक्रम का मुख्य विषय “शिप फाइनेंसिंग के लिए नवाचार तंत्र” था, जिसमें गडकरी ने वित्तीय नवाचारों के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर, यानी ₹84 लाख करोड़ का संभावित मूल्य रखता है। बंदरगाह, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में निवेश से देश की व्यापारिक दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बड़ा सुधार संभव है।


सड़क परिवहन से मिले निवेश के सबक

गडकरी ने अपने मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग (MoRTH), की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार सरकार ने ToT, InvITs और PPP मॉडल के माध्यम से ₹1.4 लाख करोड़ जुटाए। इन नवाचारों से निजी निवेश 10% से बढ़कर 35% तक पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि यही मॉडल अगर समुद्री परियोजनाओं में अपनाया जाए तो निर्माण में तेजी, गुणवत्ता में सुधार और सरकारी बोझ में कमी संभव है।


सागरमाला 2.0 से तटीय विकास को नई दिशा

गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सागरमाला 2.0” कार्यक्रम को भारत के तटीय विकास की नई क्रांति बताया।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस योजना से जहाज निर्माण, मरम्मत, और पुनर्चक्रण में बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
सागरमाला 2.0 का उद्देश्य बंदरगाहों की दक्षता बढ़ाना, तटीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और अंतर्देशीय जलमार्गों को फिर से सक्रिय करना है।

 


वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की भूमिका

गडकरी ने कहा कि भारत को वैश्विक समुद्री प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने के लिए पारदर्शी नीतियों, निजी निवेश और नवाचार की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि यदि सही समय पर निवेश और नीति समन्वय हो, तो भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री नेतृत्व की स्थिति प्राप्त कर सकता है।


समुद्री उद्योग में युवाओं और स्टार्टअप्स की भूमिका

कार्यक्रम में गडकरी ने युवाओं और स्टार्टअप्स से समुद्री उद्योग में जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि तकनीकी नवाचार, ग्रीन एनर्जी और ऑटोमेशन भारत के बंदरगाहों को “स्मार्ट पोर्ट्स” में बदल सकते हैं।
उनके अनुसार, समुद्री शिक्षा और अनुसंधान में निवेश से भारत में कौशल और रोजगार के अवसरों में बड़ी वृद्धि होगी।


पर्यावरण और सतत विकास पर जोर

गडकरी ने पर्यावरण संरक्षण को समुद्री विकास की मुख्य शर्त बताया। उन्होंने कहा कि हर परियोजना में ग्रीन एनर्जी और स्वच्छ तकनीक को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य कार्बन न्यूट्रल बंदरगाह विकसित करना है, जो वैश्विक मानकों पर टिके रहें।


सरकार और निजी क्षेत्र का सहयोग

उन्होंने कहा कि भारत को समुद्री विकास में निजी क्षेत्र के सहयोग से ही दीर्घकालिक सफलता मिलेगी।
सरकार नीति और संरचना देगी, जबकि उद्योग जगत पूंजी और प्रौद्योगिकी का योगदान करेगा।
यह साझेदारी भारत को आने वाले वर्षों में एक प्रमुख समुद्री शक्ति बनाएगी।


भारत की समुद्री दृष्टि का निष्कर्ष

गडकरी के अनुसार, “नवाचार, पारदर्शिता और समयबद्ध कार्यान्वयन” भारत की समुद्री दृष्टि की तीन प्रमुख नींव हैं।
यदि इन सिद्धांतों पर काम हुआ, तो भारत वैश्विक समुद्री व्यापार का केंद्र बन सकता है।
उनके शब्दों में, “भारत के बंदरगाह अब व्यापार के द्वार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के प्रतीक बनेंगे।”

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