तेजप्रताप यादव का बयान — “राजद में वापसी का सवाल ही नहीं उठता”
बिहार की राजनीति में इन दिनों फिर से हलचल मची हुई है। विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी बयानबाजी भी तेज होती जा रही है। इसी बीच, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपनी पुरानी पार्टी में वापसी की अटकलों पर विराम लगा दिया है।
तेजप्रताप यादव ने स्पष्ट कहा है कि वे राजद (RJD) में लौटने वाले नहीं हैं और आगामी विधानसभा चुनाव अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल के बैनर तले ही लड़ेंगे।
तेजप्रताप बोले — “अफवाह फैलाने वालों को जवाब मिल गया”
एजेंसी एएनआई से बातचीत में तेजप्रताप यादव ने कहा —
“राजद में वापसी की बातें पूरी तरह से झूठी और भ्रामक हैं। मैं इसका खंडन करता हूं। ऐसा कुछ नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए अफवाहें फैला रहे हैं, लेकिन जनता सच्चाई जानती है। तेजप्रताप ने इस मौके पर बिहारवासियों को छठ पूजा की शुभकामनाएं भी दीं, जिससे उन्होंने अपने पारंपरिक वोटबैंक को साधने का भी संदेश दिया।
जनशक्ति जनता दल को मिला वीआईपी का समर्थन
तेजप्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) को एक बड़ी राहत उस समय मिली जब वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने सुगौली विधानसभा सीट पर JJD उम्मीदवार श्याम किशोर चौधरी को समर्थन देने की घोषणा की।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह समर्थन महागठबंधन (RJD-Congress-VIP) की ओर से अप्रत्यक्ष सहयोग माना जा रहा है। वीआईपी के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो जाने के बाद मुकेश सहनी ने सीधे तेजप्रताप की पार्टी को समर्थन देकर एक सियासी संदेश दिया है।
तेजप्रताप की पार्टी 21 सीटों पर मैदान में
तेजप्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। पार्टी का फोकस उन क्षेत्रों पर है जहां तेजप्रताप यादव की व्यक्तिगत छवि और यादव समुदाय का प्रभाव प्रमुख है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि तेजप्रताप इस बार युवा मतदाताओं और अपने पिता की विरासत दोनों पर दांव लगा रहे हैं। हालांकि, राजद से दूरी बनाकर चलना उनके लिए जोखिम भरा भी साबित हो सकता है, क्योंकि परिवार और वोटबैंक दोनों का झुकाव अब तक तेजस्वी यादव की ओर अधिक है।
बिहार में दो चरणों में मतदान, 14 नवंबर को आएंगे परिणाम
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में होगा —
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पहला चरण: 6 नवंबर
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दूसरा चरण: 11 नवंबर
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गिनती और नतीजे: 14 नवंबर
राजनीतिक दलों के बीच इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प है, क्योंकि एनडीए, महागठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी सभी मैदान में हैं।
विश्लेषण — तेजप्रताप का यह बयान क्या संकेत देता है?
तेजप्रताप यादव का यह बयान साफ संकेत देता है कि वे अब स्वतंत्र पहचान बनाने की दिशा में पूरी तरह आगे बढ़ चुके हैं। राजद से दूरी बनाकर वे खुद को “राजनीति के तेजस्वी के समानांतर चेहरा” के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि महागठबंधन से परोक्ष समर्थन मिलने के बावजूद, तेजप्रताप की पार्टी का प्रभाव सीमित सीटों तक ही रहेगा। आने वाले परिणाम यह तय करेंगे कि वे बिहार की राजनीति में “फैक्टर” बन पाते हैं या “फुटनोट” रह जाते हैं।