अमेज़न में अब तक की सबसे बड़ी छंटनी, 30,000 कर्मचारियों पर तलवार
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न (Amazon) ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी की घोषणा की है। कंपनी लगभग 30,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है, जो उसकी कुल 3.5 लाख कॉर्पोरेट वर्कफोर्स का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा है। हालांकि यह कंपनी के कुल 15.5 लाख कर्मचारियों में से एक छोटा हिस्सा ही है, लेकिन इसका असर वैश्विक स्तर पर गूंजने वाला है।
लागत में कटौती और एआई आधारित पुनर्गठन
अमेज़न के सीईओ एंडी जैसी ने हाल के महीनों में “लीन मैनेजमेंट” रणनीति लागू की है, जिसका उद्देश्य संगठन की परतों को कम करना, जवाबदेही बढ़ाना और एआई (Artificial Intelligence) आधारित दक्षता को अपनाना है।
इस रणनीति के तहत कंपनी ने पहले ही सैकड़ों आंतरिक प्रक्रियाओं में बदलाव किए हैं और मध्य प्रबंधन (middle management) की कई भूमिकाएँ समाप्त कर दी हैं।
जैसी का मानना है कि स्वचालन (automation) और मशीन लर्निंग टूल्स के ज़रिए अमेज़न के कई कार्यों को तेज़ और अधिक सटीक बनाया जा सकता है। इसी दिशा में यह छंटनी कंपनी के पुनर्गठन का बड़ा हिस्सा है।
किन विभागों पर पड़ेगा असर
कंपनी के अंदर यह कटौती कई प्रमुख बिज़नेस यूनिट्स में फैली हुई है—
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अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS)
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ऑपरेशंस और लॉजिस्टिक्स डिवीज़न
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डिवाइसेज़ और सर्विसेज़ यूनिट
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ह्यूमन रिसोर्सेज़ (PXT या People Experience and Technology)
अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, केवल PXT डिवीज़न में ही करीब 15 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाला जा सकता है।
ईमेल के ज़रिए भेजी जा रही हैं सूचनाएँ
रिपोर्टों के मुताबिक, इस सप्ताह से कर्मचारियों को ईमेल के ज़रिए छंटनी की सूचनाएँ भेजी जा रही हैं। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे विभिन्न देशों और विभागों में लागू की जाएगी।
कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में कर्मचारियों को कार्यालय में पाँच दिन उपस्थित रहने का सख्त आदेश दिया था। यह माना जा रहा था कि कई कर्मचारी इस नियम के चलते स्वेच्छा से नौकरी छोड़ देंगे, परंतु ऐसा नहीं हुआ। अब जो कर्मचारी ऑफिस नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें “स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने” वाला माना जा रहा है — बिना किसी सेवरेंस पैकेज के।
एआई कैसे बदल रहा है कॉर्पोरेट ढांचा
विश्लेषकों का कहना है कि अमेज़न का यह कदम दर्शाता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अब कॉर्पोरेट संरचना को गहराई से प्रभावित कर रही है।
बैक-ऑफिस और रूटीन कार्यों की जगह अब मशीन लर्निंग आधारित टूल्स ले रहे हैं, जिससे कंपनियाँ अपनी लागत घटा पा रही हैं।
निवेशकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
दिलचस्प बात यह है कि छंटनी की खबर के बावजूद अमेज़न के शेयरों में कोई गिरावट नहीं देखी गई। बल्कि वॉल स्ट्रीट ने इसे कंपनी की “एफिशिएंसी सुधार रणनीति” के रूप में सराहा है। निवेशकों का मानना है कि यह कदम कंपनी की लाभ मार्जिन (profit margin) में सुधार लाएगा।
त्योहारी सीजन में भी मजबूत बिक्री की उम्मीद
हालाँकि एक तरफ अमेज़न हजारों नौकरियाँ घटा रहा है, वहीं दूसरी ओर वह छुट्टियों और त्योहारी सीजन को देखते हुए 2.5 लाख अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में ऑनलाइन शॉपिंग में तेज़ उछाल देखने को मिलेगा।
बिग टेक कंपनियों में छंटनी की श्रृंखला
अमेज़न की यह छंटनी अकेली नहीं है। 2025 में अन्य बड़ी टेक कंपनियाँ भी कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं।
माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, मेटा, सेल्सफोर्स और इंटेल जैसी कंपनियाँ भी महामारी काल के दौरान हुए “ओवरहायरिंग” को ठीक करने और एआई के माध्यम से कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अपनी टीमों को छोटा कर रही हैं।
विशेषज्ञों की राय
टेक विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह ट्रेंड और तेज़ होगा।
कॉर्पोरेट नौकरियों का बड़ा हिस्सा स्वचालित टूल्स और एआई सिस्टम्स के हवाले किया जाएगा, जिससे टेक कंपनियों की संरचना अधिक “स्मार्ट” लेकिन कम मानवीय बनेगी।
अमेज़न के इस निर्णय को इसी बदलाव का सबसे बड़ा संकेत माना जा रहा है।