झारखंड में अपराध पर सख्त कार्रवाई, जमशेदपुर में हुई पुलिस मुठभेड़
झारखंड राज्य के औद्योगिक नगर जमशेदपुर में बीती रात हुई एक मुठभेड़ ने एक बार फिर अपराध जगत को हिला कर रख दिया है। शहर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में हुई इस घटना में कुख्यात अपराधी गोपाल गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज जारी है।
इस मुठभेड़ के बाद झारखंड पुलिस ने साफ संकेत दिया है कि राज्य में अपराध और गैंगस्टर गतिविधियों पर अब किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी।
मुठभेड़ की पूरी घटना: आधी रात चली गोलियां, फैली दहशत
जानकारी के अनुसार, पुलिस को सोमवार देर रात सूचना मिली थी कि सिरतामदेड़ा गोलीकांड का आरोपी गोपाल सिदगोड़ा इलाके में छिपा हुआ है। इसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम ने रात करीब दो बजे इलाके में छापेमारी अभियान चलाया।
जैसे ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची, गोपाल ने खुद को बचाने के लिए पुलिस पर दो राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें अपराधी गोपाल के दाहिने पैर में गोली लगी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मौके से एक देशी पिस्तौल और कई कारतूस बरामद किए गए हैं। घायल अपराधी को तुरंत हिरासत में लेकर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा गया।
कुख्यात गिरोह के सरगना प्रिंस खान से जुड़ा मामला
जमशेदपुर पुलिस के अनुसार, यह पूरा मामला गैंगस्टर प्रिंस खान गिरोह से जुड़ा हुआ है। गोपाल ने 10 अक्टूबर को व्यवसायी हरिओम सिंह के घर पर गोलीबारी की थी, जो प्रिंस खान के आदेश पर की गई थी।
यह गिरोह लंबे समय से जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में रंगदारी और धमकियों के जरिए कारोबारियों से उगाही कर रहा था। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में कई अन्य अपराधी भी सक्रिय हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
पुलिस की रणनीति: गैंगवार पर सख्त नजर
शहर के पुलिस अधीक्षक (नगर) कुमार शिवाशिष ने बताया कि पुलिस लगातार अपराधी गिरोहों पर निगरानी रख रही है। उन्होंने कहा,
“गोपाल सिरतामदेड़ा फायरिंग केस में मुख्य आरोपी था। हमारी टीम को जब सूचना मिली तो तुरंत कार्रवाई की गई। आरोपी ने पुलिस पर गोली चलाई, लेकिन हमारी टीम ने संयम से जवाब दिया और उसे जख्मी कर दबोच लिया।”
पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। साथ ही इलाके के सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड्स भी खंगाले जा रहे हैं।
स्थानीय जनता में भय और राहत दोनों का माहौल
मुठभेड़ की खबर फैलते ही इलाके में दहशत फैल गई, लेकिन जब लोगों को पता चला कि अपराधी पुलिस की गिरफ्त में है, तो स्थानीय नागरिकों ने राहत की सांस ली।
व्यवसायी समुदाय ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। स्थानीय निवासी अरुण तिवारी ने कहा,
“सिरतामदेड़ा फायरिंग के बाद से हम सब डरे हुए थे। पुलिस की इस कार्रवाई से भरोसा बढ़ा है कि अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है।”
राज्य में बढ़ रही मुठभेड़ की घटनाएं: अपराध पर नियंत्रण की नई नीति
झारखंड में बीते कुछ महीनों से पुलिस की कार्रवाई तेज हुई है। हाल के दिनों में राज्य के कई जिलों में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं सामने आई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अब “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति पर काम कर रही है। अपराधियों को चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया, तो पुलिस उन्हें किसी भी हाल में पकड़ लेगी।
अंतिम निष्कर्ष: अपराध के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई की शुरुआत
जमशेदपुर की यह मुठभेड़ न केवल एक अपराधी की गिरफ्तारी तक सीमित है, बल्कि यह झारखंड पुलिस की नई प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अपराध और उगाही के तंत्र को तोड़ने की यह कार्रवाई राज्य में कानून व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम है।
जनता को अब यह उम्मीद है कि सरकार और पुलिस मिलकर झारखंड को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगी।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।