साइबर ठगी के संगठित गिरोह पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में पुलिस ने एक अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारकर साइबर ठगी के संगठित नेटवर्क का खुलासा किया है। यह कॉल सेंटर चिकालठाना एमआईडीसी क्षेत्र की एक तीन मंज़िला इमारत में चल रहा था, जहाँ से विदेशों में रहने वाले नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, यहाँ कार्यरत कर्मचारी स्वयं को किसी प्रतिष्ठित कंपनी या संस्था का प्रतिनिधि बताते थे और लोगों को गिफ्ट कार्ड या इनाम जीतने का लालच देकर उनके बैंक विवरण और कार्ड जानकारी हासिल करते थे। इसके बाद पीड़ितों के खातों से बड़ी धनराशि उड़ा ली जाती थी।
छापेमारी में 100 से अधिक युवतियाँ हिरासत में
इस कार्रवाई में पुलिस ने 100 से अधिक युवतियों को हिरासत में लिया है जो इस कॉल सेंटर में बतौर कॉल ऑपरेटर कार्यरत थीं।
मौके पर कई पुलिस टीमें मौजूद रहीं और पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन युवतियों को यह बताया गया था कि वे किसी वैध ग्राहक सेवा केंद्र में काम कर रही हैं, किंतु जांच में पता चला कि पूरा संचालन अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था।
पुलिस ने जब्त किए कंप्यूटर, मोबाइल और सर्वर
छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई कंप्यूटर, मोबाइल फोन, सर्वर और रिकॉर्डिंग डिवाइस जब्त किए हैं।
इन उपकरणों से यह पता चला है कि कॉल सेंटर का मुख्य लक्ष्य विदेशों में रहने वाले अंग्रेज़ीभाषी नागरिक थे, जिनसे संपर्क कर नकली वेबसाइट और भुगतान पोर्टल के माध्यम से धन वसूला जाता था।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है और इसके तार अन्य राज्यों व देशों से भी जुड़े हो सकते हैं।
मास्टरमाइंड और फंडिंग की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, इस अवैध कॉल सेंटर का संचालन कुछ स्थानीय युवकों द्वारा किराए पर ली गई इमारत से किया जा रहा था, जबकि इसके पीछे का असली वित्तपोषक विदेश में बैठा हुआ है।
अपराध शाखा और साइबर पुलिस संयुक्त रूप से इस गिरोह की फंडिंग, सॉफ्टवेयर नेटवर्क और कॉल डेटा का विश्लेषण कर रही हैं।
स्थानीय प्रशासन ने दी चेतावनी
घटना के बाद छत्रपति संभाजीनगर पुलिस आयुक्तालय ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि किसी भी अनजान कॉल पर अपने बैंक या कार्ड संबंधी विवरण साझा न करें।
पुलिस ने कहा कि शहर में यदि किसी इमारत में रात-दिन फोन कॉल और कंप्यूटर संचालन जैसी गतिविधियाँ दिखें तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
प्रशासन का मानना है कि इस तरह के छापों से साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
जनता में फैली जागरूकता की आवश्यकता
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ यह साबित करती हैं कि साइबर साक्षरता और जागरूकता अब समय की आवश्यकता बन चुकी है।
नागरिकों को समझना होगा कि कोई भी संस्था फोन या ईमेल पर बैंक विवरण नहीं मांगती।
पुलिस ने अपील की है कि ठगी के किसी भी मामले में तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या राष्ट्रीय पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराई जाए।
छत्रपति संभाजीनगर की यह कार्रवाई न केवल एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग पर अब पुलिस की नज़र और भी पैनी हो चुकी है।
सामाजिक और प्रशासनिक सहयोग से ही ऐसे अपराधों पर प्रभावी रोकथाम संभव है।