मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए पैतृक मैपिंग अभियान को मिली नई गति
रांची। झारखण्ड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने राज्य में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संचालित मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस प्रक्रिया का मूल उद्देश्य मतदाताओं को कम से कम दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता के साथ उनकी पैतृक मैपिंग को त्रुटिरहित और तीव्र गति से पूरा करना है।
शनिवार को निर्वाचन सदन से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों और हेल्प डेस्क मैनेजरों के साथ समीक्षा एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया।
ग्राम पंचायत व शहरी वार्ड स्तर पर विशेष शिविर लगाने के निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएँ। इन शिविरों में संबंधित मतदान केंद्रों के सभी बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
उन्होंने निर्देश दिया कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची तक के सभी मतदाताओं का भौतिक सत्यापन एवं डिजिटल मैपिंग सुनिश्चित की जाए। इस प्रक्रिया से त्रुटिरहित डेटा प्राप्त होगा जो आगामी निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

डिजिटल मैपिंग से गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता
श्री के. रवि कुमार ने कहा कि सभी बीएलओ बीएलओ ऐप पर सत्यापित मतदाताओं की जानकारी शत-प्रतिशत दर्ज करें। इससे आयोग को वास्तविक एवं अद्यतन आंकड़े प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि “यह केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।”
साथ ही उन्होंने कहा कि कैंप स्थलों पर हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा तथा पर्याप्त संख्या में कंप्यूटर ऑपरेटरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
‘बुक ए कॉल विथ बीएलओ’ सुविधा को मिले अधिक सक्रियता
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग की “बुक ए कॉल विथ बीएलओ” सुविधा की समीक्षा करते हुए कहा कि यह सुविधा मतदाताओं को ऑनलाइन माध्यम से सीधे बीएलओ से संपर्क करने का अवसर प्रदान करती है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस सुविधा का उपयोग राज्य में अपेक्षाकृत कम हो रहा है। अतः सभी जिलों को इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा प्राप्त सभी कॉल्स पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए गए।
निर्वाचन व्यवस्था की मजबूती हेतु सामूहिक प्रयासों पर बल
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता का आधार है। इसलिए यह प्रत्येक निर्वाचन पदाधिकारी का दायित्व है कि पुनरीक्षण कार्य में पूर्ण निष्पक्षता और तत्परता बरती जाए।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक के उपयोग से न केवल कार्य में गति आएगी, बल्कि त्रुटियों की संभावना भी नगण्य रह जाएगी।
इस समीक्षा बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री धीरज ठाकुर, अवर निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुनील कुमार तथा राज्य के सभी जिलों के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।
लोकतंत्र की दिशा में तकनीकी सशक्तिकरण का प्रयास
इस बैठक से यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि झारखण्ड निर्वाचन आयोग पारदर्शी, सटीक और तकनीकी रूप से सक्षम मतदाता सूची तैयार करने के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
श्री के. रवि कुमार के निर्देशन में यह पहल न केवल राज्य के मतदाताओं को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी तथा सहभागी बनाएगी।