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Delhi AQI: दिल्ली की वायु फिर हुई विषैली, धुंध और धुएँ की चादर में लिपटी राजधानी, ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँचा प्रदूषण स्तर

Delhi Air Quality Severe
Delhi Air Quality Severe – राजधानी में बढ़ा प्रदूषण, धुएँ की परत से ढकी सुबहें (FIle Photo)
अक्टूबर 30, 2025

राजधानी में साँस लेना हुआ दूभर

दिल्ली की वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँच गई है। राजधानी के आसमान में फैली धुंध और धुएँ की मोटी परत ने वातावरण को विषैला बना दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरुवार सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 375 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्थिति की ओर बढ़ता हुआ संकेत देता है।

धुएँ और धुंध की मोटी परत ने घटाई दृश्यता

सुबह के समय दिल्ली के कई हिस्सों में गहरी धुंध छाई रही। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में नमी और कम गति की हवाएँ प्रदूषक तत्वों को फैलने नहीं दे रही हैं। इसके कारण आसमान पर धुंध की मोटी परत जमा हो गई है। पालम क्षेत्र में दृश्यता 1000 मीटर तक सिमट गई, जबकि सफदरजंग में यह 800 मीटर रही।

प्रदूषण के आँकड़े डराने वाले

सीपीसीबी के अनुसार, पीएम 2.5 का स्तर 184.4 और पीएम 10 का स्तर 301.9 तक पहुँच गया है। यह दोनों ही मानक ‘हानिकारक’ श्रेणी में आते हैं। पीएम 2.5 ऐसे सूक्ष्म कण हैं जो सीधे फेफड़ों में जाकर स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुँचाते हैं। वहीं पीएम 10 में धूल, धुआँ और परागकण जैसे कण शामिल होते हैं, जो वातावरण को और अधिक दूषित करते हैं।

दिल्ली के इलाकों में भयावह स्थिति

दिल्ली के विवेक विहार (426), आनंद विहार (415), अशोक विहार (414), वज़ीरपुर (419) और सोनिया विहार (406) जैसे क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। लगभग 37 निगरानी केंद्रों ने ‘बहुत खराब’ श्रेणी में AQI दर्ज किया, जिससे राजधानी के लगभग सभी हिस्सों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच चुका है।

हवा में ठहराव, प्रदूषण का प्रसार रुका

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रही, जिससे प्रदूषक तत्व ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। साथ ही, वातावरण में 90 प्रतिशत आर्द्रता ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। दिल्ली का वेंटिलेशन इंडेक्स 6000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड से नीचे बना हुआ है, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए अनुकूल नहीं है।

विशेषज्ञों की चेतावनी

पर्यावरणविद विमलेंदु झा का कहना है कि “सुबह दिखने वाली पीली धुंध असल में स्मॉग है — यानी धुएँ और कोहरे का मिश्रण। यह मिश्रण आँखों, गले और फेफड़ों के लिए अत्यंत हानिकारक है, विशेष रूप से बुज़ुर्गों, बच्चों और अस्थमा के रोगियों के लिए।” उन्होंने नागरिकों को सलाह दी कि वे घर से बाहर निकलते समय एन-95 मास्क पहनें और अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में जाने से बचें।

राहत की उम्मीद या और मुश्किलें?

मौसम विभाग ने बताया है कि दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं और हल्की बारिश या फुहारें पड़ सकती हैं। यदि ऐसा होता है, तो प्रदूषक तत्व कुछ हद तक नीचे बैठ सकते हैं और AQI में अस्थायी सुधार संभव है। हालाँकि, अगर हवाएँ कमजोर रहीं, तो प्रदूषण का यह स्तर अगले कुछ दिनों तक बना रह सकता है।

दिल्ली फिर सवालों के घेरे में

हर वर्ष ठंड के आगमन के साथ दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या विकराल रूप ले लेती है। पराली जलाने, वाहनों के उत्सर्जन, निर्माण धूल और औद्योगिक धुएँ का संयुक्त प्रभाव राजधानी को गैस चेंबर बना देता है। प्रशासन के कई प्रयासों के बावजूद, दीर्घकालिक समाधान अब भी अधूरा प्रतीत होता है।


यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।


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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

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