सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस का भव्य आयोजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। यह आयोजन ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ स्थल पर होगा, जो भारत के पहले गृह मंत्री को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और सुरक्षा बलों की परेड
कार्यक्रम में सांस्कृतिक उत्सव और सुरक्षा बलों की राष्ट्रीय एकता दिवस परेड शामिल होगी। इस वर्ष की परेड में भारत की विविधता और एकता का प्रदर्शन किया जाएगा।
परेड में सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के दस्ते शामिल होंगे।
गुजरात का झांकी विशेष आकर्षण
गुजरात सरकार के अनुसार, इस वर्ष का मुख्य आकर्षण गणतंत्र दिवस शैली की परेड होगी, जिसमें दस झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पुडुचेरी जैसे राज्यों की झांकियां होंगी। गुजरात की झांकी सरदार पटेल के देश की एकता में योगदान को उजागर करेगी।
अमित शाह ने की स्थायी आयोजन की घोषणा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि अब हर वर्ष 31 अक्टूबर को एकता नगर में इस प्रकार का भव्य आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल ने जिस एकता की नींव रखी, उसे हर पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।”
महिला अधिकारी देंगी सम्मान सलामी
इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी को महिलाओं के नेतृत्व वाली सुरक्षा बलों की टुकड़ियां सलामी देंगी। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रतीक मानी जा रही है। BSF की टुकड़ी में भारतीय नस्ल के कुत्ते ‘रांपुर हाउंड’ और ‘मुधोल हाउंड’ भी शामिल होंगे।
शौर्य चक्र विजेताओं का सम्मान
इस अवसर पर झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों में वीरता दिखाने वाले CRPF और BSF के बहादुर जवानों को सम्मानित किया जाएगा।
परेड में BSF के उन जवानों को विशेष सलामी दी जाएगी जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में साहसिक योगदान दिया था।
सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन
राष्ट्रीय एकता दिवस पर लगभग 900 कलाकार भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत करेंगे। भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी और गरबा जैसे पारंपरिक नृत्य भारत की सांस्कृतिक एकता को दर्शाएंगे।
प्रधानमंत्री का अधिकारियों से संवाद
समारोह के बाद प्रधानमंत्री ‘आरंभ 7.0’ कार्यक्रम के तहत 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी प्रशिक्षुओं से संवाद करेंगे। इस वर्ष का विषय “रीइमैजिनिंग गवर्नेंस” रखा गया है। इसमें भारत की 16 सिविल सेवाओं और भूटान की तीन सेवाओं के 660 प्रशिक्षु शामिल हैं।
सरदार पटेल के विचारों की प्रासंगिकता
सरदार वल्लभभाई पटेल को ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है, पर उनकी असली शक्ति उनके विचारों और ईमानदारी में थी। 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब 560 से अधिक रियासतें देश की एकता के लिए चुनौती थीं।
पटेल ने दृढ़ता और विवेक से इन सभी रियासतों को एक सूत्र में पिरो दिया। यह केवल राजनीतिक एकीकरण नहीं था, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता की भी स्थापना थी।
एकता की विरासत और उसका संरक्षण
देश की एकता केवल संविधानिक नियमों से नहीं, बल्कि साझा मूल्यों और परंपराओं से बनी है। संस्कृति, कला, संगीत और विविधता इस एकता की आत्मा हैं।
राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि विविधता और एकता विरोधी नहीं, बल्कि पूरक तत्व हैं। राष्ट्र निर्माण साझा शासन के साथ-साथ साझा मूल्यों से भी होता है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।