🔔 नोटिस : इंटर्नशिप का सुनहरा अवसर. पत्रकार बनना चाहते हैं, तो राष्ट्रभारत से जुड़ें. — अपना रिज़्यूमे हमें digital@rashtrabharat.com पर भेजें।

Jharkhand Politics: झारखंड में मतदाता सूची पुनरीक्षण हेतु ‘पैतृक मैपिंग’ पर जोर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश

Jharkhand Politics
Jharkhand Politics: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण हेतु ‘पैतृक मैपिंग’ पर दिया जोर
अक्टूबर 30, 2025

झारखंड में मतदाता सूची पुनरीक्षण की गति बढ़ाने के निर्देश

झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की। इस बैठक में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ‘पैतृक मैपिंग’ (Ancestral Mapping) की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए ताकि राज्य के हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो सके।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति मतदाता है और यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी पात्र मतदाता वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता और अद्यतनता चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता की नींव है।


‘पैतृक मैपिंग’ क्या है और क्यों है यह आवश्यक

‘पैतृक मैपिंग’ का उद्देश्य मतदाताओं की मूल पहचान और उनके पारिवारिक रिकॉर्ड को सुनिश्चित करना है। यह प्रक्रिया यह सत्यापित करती है कि मतदाता का नाम किसी दूसरे जिले या राज्य में दोहराया न गया हो।

इस पद्धति के माध्यम से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मतदान सूची की सटीकता बढ़ेगी। कई बार प्रवास, स्थानांतरण या दस्तावेजी त्रुटियों के कारण लोगों के नाम छूट जाते हैं या गलत दर्ज हो जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए ‘पैतृक मैपिंग’ एक सशक्त साधन बनकर उभर रहा है।


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश: पारदर्शिता पर विशेष बल

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक बूथ स्तर अधिकारी (BLO) को अपने क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार का सत्यापन व्यक्तिगत रूप से किया जाए ताकि मतदाता सूची में किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब केवल दस्तावेज़ी औपचारिकता पर्याप्त नहीं होगी; अधिकारियों को ज़मीनी स्तर पर जाकर हर मतदाता से संपर्क स्थापित करना होगा।


प्रौद्योगिकी का उपयोग और जन-जागरूकता अभियान

निर्वाचन कार्यालय ने इस बार डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल एप्स के माध्यम से भी मतदाता सूची सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं। नागरिक अब ऑनलाइन भी अपने नाम की स्थिति जाँच सकते हैं और आवश्यक सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इसके साथ ही, राज्यभर में मतदाता जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। विद्यालयों, पंचायत भवनों और शहरी निकायों में विशेष शिविर आयोजित कर नागरिकों को उनके मतदान अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि “लोकतंत्र में नागरिक की भागीदारी तभी सार्थक है जब वह अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए पंजीकृत हो।”


सभी जिलों को समयसीमा में कार्य पूर्ण करने का आदेश

बैठक में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य तय समय सीमा में पूर्ण करें। किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने विशेष रूप से झारखंड के सीमावर्ती जिलों जैसे चतरा, गिरिडीह, पलामू, गुमला और दुमका में ध्यान केंद्रित करने को कहा, जहाँ प्रवासी आबादी के कारण नामों के दोहराव और चूक की संभावना अधिक रहती है।


मतदाता सूची में शुद्धता से लोकतंत्र को मिलेगी मजबूती

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सटीक मतदाता सूची से न केवल चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी, बल्कि नागरिकों का लोकतांत्रिक तंत्र पर विश्वास भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति नागरिकों की जिम्मेदारी का भी हिस्सा है।

अंत में उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और कोई भी लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित न रहे।”

झारखंड में मतदाता सूची पुनरीक्षण के इस अभियान के साथ राज्य प्रशासन ने लोकतांत्रिक सुदृढ़ता की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। ‘पैतृक मैपिंग’ जैसी तकनीकी प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और चुनाव प्रक्रिया और भी अधिक निष्पक्ष बनेगी।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Breaking