भारत में पेट्रोल की कीमतें 11 महीने से स्थिर
भारत में पेट्रोल की कीमतों में लगातार 11 महीनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। 1 दिसंबर 2024 से लेकर अब तक पेट्रोल के दामों में कोई बढ़ोतरी या गिरावट दर्ज नहीं की गई। देश की आर्थिक स्थिति और सरकार की नीति दोनों ही इस स्थिरता के प्रमुख कारण हैं।
मुंबई में पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर, दिल्ली में ₹94.77, कोलकाता में ₹105.41 और चेन्नई में ₹100.90 प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।
Petrol Prices Today: मेट्रो शहरों में पेट्रोल की मौजूदा दरें
| शहर | पेट्रोल कीमत (₹/लीटर) | बदलाव |
|---|---|---|
| नई दिल्ली | 94.77 | 0.00 |
| मुंबई | 103.50 | 0.00 |
| कोलकाता | 105.41 | 0.00 |
| चेन्नई | 100.90 | +0.10 |
| जयपुर | 104.41 | -0.31 |
| पटना | 105.23 | 0.00 |
| हैदराबाद | 107.46 | 0.00 |
| लखनऊ | 94.69 | 0.00 |
स्थिर दरों के पीछे के मुख्य कारण
सरकारी कर नीति
भारत में पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही भारी टैक्स लगाती हैं। जब तक कर संरचना में बदलाव नहीं किया जाता, तब तक उपभोक्ताओं को कीमतों में राहत मिलना मुश्किल है। केंद्र सरकार का पेट्रोल से राजस्व संग्रह बड़ा स्रोत है, इसलिए कीमतों को नीचे लाना आर्थिक रूप से कठिन निर्णय होता है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम
कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें हाल के महीनों में अपेक्षाकृत स्थिर रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूसी कच्चा तेल सस्ते दरों पर आयात किया, जिससे देश में दाम बढ़ने से रुके रहे।
मांग और आपूर्ति का संतुलन
त्योहारी सीजन में वाहन बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। नए वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण पेट्रोल की खपत में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
राज्यवार पेट्रोल कीमतों की स्थिति
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल ₹109.83 प्रति लीटर तक पहुंच गया है जबकि अंडमान में यह ₹82.46 प्रति लीटर के सबसे निचले स्तर पर है। राजस्थान, बिहार, और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी कीमतें ₹105 से ऊपर हैं।
आर्थिक दृष्टिकोण से पेट्रोल की अहमियत
भारत जैसे विकासशील देश में पेट्रोल न केवल परिवहन का साधन है, बल्कि यह पूरे औद्योगिक ढांचे को प्रभावित करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार पेट्रोल की कीमतों में कटौती करती है, तो इसका प्रभाव वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ेगा, जिससे महंगाई दर में कमी आएगी।
क्या आने वाले महीनों में कीमतें घटेंगी?
तेल विपणन कंपनियां (IOC, HPCL, BPCL) अंतरराष्ट्रीय दरों के अनुरूप रोजाना कीमतें तय करती हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए नवंबर और दिसंबर में भी कीमतों में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि, यदि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की दरों में गिरावट आती है, तो उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।
भारत में पेट्रोल की कीमतें 11 महीने से स्थिर बनी हुई हैं, जो एक तरफ उपभोक्ताओं को भरोसा देती हैं, वहीं यह भी दिखाती हैं कि सरकार कीमत नियंत्रण की नीति को लेकर सावधानी बरत रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें, घरेलू कर नीति और मांग-आपूर्ति का समीकरण आने वाले महीनों में पेट्रोल दरों की दिशा तय करेगा।