नवंबर की शुरुआत में ही चांदी के दाम में आई नरमी
सोमवार, 3 नवंबर 2025 को भारत में चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव और रुपये की हलचल के कारण घरेलू बाज़ार में भी चांदी की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई।
आज चांदी की कीमत ₹151.90 प्रति ग्राम और ₹1,51,900 प्रति किलोग्राम रही, जो कल के मुकाबले ₹0.10 प्रति ग्राम और ₹100 प्रति किलो कम है।
Silver Rates: भारत के प्रमुख शहरों में आज के चांदी के भाव (3 नवंबर 2025)
| शहर | 10 ग्राम | 100 ग्राम | 1 किलोग्राम |
|---|---|---|---|
| चेन्नई | ₹1,659 | ₹16,590 | ₹1,65,900 |
| हैदराबाद | ₹1,659 | ₹16,590 | ₹1,65,900 |
| केरल | ₹1,659 | ₹16,590 | ₹1,65,900 |
| दिल्ली | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
| मुंबई | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
| कोलकाता | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
| बेंगलुरु | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
| पुणे | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
| वडोदरा | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
| अहमदाबाद | ₹1,519 | ₹15,190 | ₹1,51,900 |
दक्षिण भारत के कुछ शहरों — जैसे चेन्नई, हैदराबाद और केरल — में कीमतें अन्य महानगरों की तुलना में करीब ₹14,000 प्रति किलो अधिक हैं।
चांदी के दाम तय होने के प्रमुख कारक
चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार और रुपये के मूल्य पर निर्भर करती हैं।
यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दरें स्थिर रहें लेकिन रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो जाए, तो भारत में चांदी महंगी हो जाती है। इसके विपरीत, जब रुपया मजबूत होता है, तो दामों में गिरावट आती है।
आज की गिरावट का मुख्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की मामूली मजबूती और कमज़ोर वैश्विक मांग बताई जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत $28.40 प्रति औंस के आसपास रही, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले 0.55% कम है।
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक स्तर पर निवेशक फिलहाल अमेरिकी बॉन्ड्स और इक्विटी मार्केट की ओर झुक रहे हैं, जिससे कीमती धातुओं की मांग पर असर पड़ा है।
हालिया उतार-चढ़ाव और इतिहास
पिछले महीने यानी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में चांदी के रेट में करीब ₹39,000 प्रति किलो की तेज गिरावट देखी गई थी। उसके बाद कीमतों में हल्की रिकवरी आई, लेकिन नवंबर की शुरुआत में फिर से गिरावट दर्ज हुई है।
इससे पहले, 29 अक्टूबर को चांदी ₹1,52,300 प्रति किलो तक पहुंच गई थी। अब यह फिर ₹1,51,900 पर स्थिर हुई है।
बढ़ता निवेश और ‘लोन अगेंस्ट सिल्वर’ की चर्चा
बाजार में अब “Silver as Collateral Loan” यानी चांदी के बदले ऋण की सुविधा भी चर्चा में है।
1 अप्रैल 2026 से सरकार और निजी बैंक इस मॉडल को लागू करने पर विचार कर रहे हैं, जिससे निवेशकों को चांदी को संपार्श्विक रखकर ऋण लेने का विकल्प मिलेगा — ठीक उसी तरह जैसे Gold Loan में होता है।
यह कदम घरेलू बाजार में तरलता (liquidity) बढ़ा सकता है और चांदी को निवेश के वैकल्पिक साधन के रूप में लोकप्रिय बना सकता है।
आगे क्या रहेगा रुझान?
कमोडिटी विश्लेषकों का अनुमान है कि यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है और अमेरिकी ब्याज दरें ऊंची बनी रहती हैं, तो चांदी की कीमत ₹1,50,000–₹1,55,000 प्रति किलो के बीच रह सकती है।
हालांकि, यदि डॉलर कमजोर होता है या निवेशक फिर से कीमती धातुओं में लौटते हैं, तो दिसंबर के मध्य तक कीमतें ₹1,60,000 तक जा सकती हैं।
नवंबर की शुरुआत में आई यह गिरावट फिलहाल निवेशकों के लिए खरीदारी का एक मौका माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जो निवेशक दीर्घकालिक नजरिया रखते हैं, वे इस समय सीमित मात्रा में खरीदारी कर सकते हैं।
त्योहारी मांग भले ही कम हुई हो, लेकिन उद्योगिक उपयोग और निवेश मांग आने वाले हफ्तों में फिर से बढ़ सकती है।
संक्षेप में — चांदी की चमक थोड़ी मंद ज़रूर पड़ी है, पर उसकी अहमियत अब भी बरकरार है।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और बाजार की प्रवृत्तियों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। सोना–चाँदी या अन्य कीमती धातुओं में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें। लेख में उल्लिखित दरें समय और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं। लेखक या प्रकाशक निवेश में हुए किसी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।