बिहार चुनाव 2025 पर सर्वे रिपोर्ट ने बदली सियासी हवा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से पहले जारी एक नए जनमत सर्वे ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जेवीसी पोल द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन फिर से सत्ता में वापसी करता दिखाई दे रहा है। हालांकि, मुकाबला इस बार बेहद कांटे का बताया जा रहा है।
एनडीए को मिली मामूली बढ़त
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए गठबंधन को 243 सीटों में से 120 से 140 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, महागठबंधन (एमजीबी) को 93 से 112 सीटें मिलने का अनुमान है।
एनडीए के अंदर भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है, जिसे 70 से 81 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं जेडीयू को 42 से 48 सीटें, लोजपा (रामविलास) को 5 से 7, हम (सेक्युलर) को 2 और आरएलएम को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं।
महागठबंधन की स्थिति
महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 69 से 78 सीटों के साथ सबसे मजबूत दल के रूप में उभरता दिख रहा है। कांग्रेस को 9 से 17 सीटें, सीपीआई (एमएल) को 12 से 14, सीपीआई को 1 और सीपीएम को 1 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है।
जन सुराज पार्टी, जो प्रशांत किशोर के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है, संभवतः सिर्फ एक सीट पर खाता खोलने में सफल होगी। वहीं, एआईएमआईएम, बीएसपी और अन्य छोटे दल 8 से 10 सीटों पर अपना प्रभाव दिखा सकते हैं।
जनता के बीच तेजस्वी यादव की लोकप्रियता
सर्वे का सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद बनकर उभरे हैं। सर्वे के अनुसार, तेजस्वी यादव को 33 प्रतिशत जनता का समर्थन मिला है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 29 प्रतिशत मतदाताओं ने पसंद किया, जबकि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर को 10-10 प्रतिशत समर्थन मिला।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को 9 प्रतिशत और भाजपा के अन्य चेहरों को मात्र 4 प्रतिशत लोगों ने प्राथमिकता दी।
वोट प्रतिशत का अनुमान
जेवीसी पोल के मुताबिक, एनडीए को कुल 41 से 43 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है, जबकि महागठबंधन 39 से 41 प्रतिशत वोट हासिल कर सकता है।
जन सुराज पार्टी को 6 से 7 प्रतिशत और अन्य छोटे दलों को 10 से 11 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है।
इस प्रकार, दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच महज 2 प्रतिशत का अंतर इस चुनाव को बेहद दिलचस्प बना रहा है।
चुनाव कार्यक्रम और मतदाता संख्या
निर्वाचन आयोग के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर 2025 को की जाएगी।
राज्य में कुल 7.42 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इस वर्ष के अद्यतन सूची में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिससे अंतिम मतदाता संख्या में हल्की गिरावट आई है।
2020 के चुनावी नतीजों से तुलना
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 सीटें जीतीं। उसे 19.8 प्रतिशत वोट मिले थे।
जनता दल (यू) ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 43 सीटें हासिल कीं। उसे 15.7 प्रतिशत वोट मिले थे।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को सात में से चार सीटें मिलीं और उसका वोट शेयर 0.9 प्रतिशत रहा।
जनता का रुझान और संभावित प्रभाव
विश्लेषकों का मानना है कि यह सर्वे जनता की मौजूदा मनोस्थिति को दिखाता है, लेकिन चुनावी नतीजे कई बार इन अनुमानित आंकड़ों से भिन्न होते हैं।
तेजस्वी यादव की लोकप्रियता बढ़ना यह संकेत देता है कि युवा वर्ग में परिवर्तन की इच्छा मजबूत हो रही है। वहीं, नीतीश कुमार के अनुभव और भाजपा के संगठित तंत्र के कारण एनडीए अभी भी बढ़त बनाए हुए है।
संक्षिप्त सारांश:
जेवीसी पोल के ताज़ा सर्वे में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए को मामूली बढ़त दिखाई गई है। तेजस्वी यादव जनता के बीच सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री उम्मीदवार बने हैं, जबकि नीतीश कुमार दूसरे स्थान पर हैं। दोनों गठबंधनों के बीच वोट शेयर का अंतर मात्र 2 प्रतिशत का बताया गया है, जिससे मुकाबला बेहद रोचक हो गया है।