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Mokama Murder Case: जेल में अनंत सिंह की पहली रात बेचैनी में बीती, कोई विशेष सुविधा नहीं — उच्च सुरक्षा में निगरानी जारी

Mokama Murder Case: जेल में अनंत सिंह की पहली रात बेचैनी में बीती, उच्च सुरक्षा में निगरानी
Mokama Murder Case: जेल में अनंत सिंह की पहली रात बेचैनी में बीती, उच्च सुरक्षा में निगरानी (File Photo)
नवम्बर 4, 2025

मोकामा हत्याकांड में गिरफ्तार पूर्व विधायक और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह की जेल में जिंदगी अब पूरी तरह नियंत्रण में है। पटना की बेऊर जेल में उन्हें सामान्य बंदी की तरह रखा गया है, किसी भी तरह की विशेष सुविधा नहीं दी गई है। उच्च सुरक्षा वार्ड में बंद अनंत सिंह की पहली रात बेचैनी में गुजरी, जबकि जेल प्रशासन लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।


Mokama Murder Case: सियासत और अपराध का संगम

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा में हुई हत्या ने पूरे प्रदेश का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। पंडारक प्रखंड के भदौर थाना क्षेत्र में जनसुराज प्रत्याशी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने चुनावी माहौल को हिला कर रख दिया। इस घटना में आरोपी के रूप में जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके दो समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।

जेल में सामान्य कैदी की तरह रह रहे हैं अनंत सिंह

बेऊर जेल प्रशासन के मुताबिक, अनंत सिंह को किसी भी प्रकार की वीआईपी सुविधा नहीं दी गई है।
उन्हें विशेष सुरक्षा वार्ड में रखा गया है जहां सीसीटीवी निगरानी 24 घंटे जारी रहती है।
जेल अधिकारियों ने बताया कि,
“अनंत सिंह उच्च श्रेणी के कैदी नहीं हैं, इसलिए कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्हें जेल के सामान्य भोजन और दिनचर्या का पालन करना होता है।”

पहली रात बेचैनी में गुजरी

जेल सूत्रों के अनुसार, अनंत सिंह की पहली रात काफी बेचैन रही।
उनसे मिलने कोई नहीं आया और उन्होंने रात ज्यादातर जागकर बिताई।
अगली सुबह उनका मेडिकल चेकअप कराया गया जिसमें स्वास्थ्य सामान्य पाया गया।
उन्हें सुबह चाय, नाश्ता और दोपहर का भोजन जेल के मेनू के अनुसार दिया गया।

चुनाव आयोग ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

मोकामा में हुई इस हिंसक घटना पर भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने सख्त रुख अपनाया है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार के डीजीपी विनय कुमार से इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
इसके साथ ही आयोग ने बिहार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर घटना की समीक्षा की।

पुलिस विभाग में सख्त कार्रवाई

इस हत्याकांड के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ी कार्रवाई हुई है।
बिहार पुलिस ने घोसवरी थानाध्यक्ष मधुसूदन कुमार और भदौर थानाध्यक्ष रविरंजन चौहान को तत्काल निलंबित कर दिया है।
इसके अलावा बाढ़ अनुमंडल के तीन अधिकारियों को भी पद से हटाने का आदेश दिया गया है।

  • एसडीओ (बाढ़)

  • एसडीपीओ बाढ़-1

  • एसडीपीओ बाढ़-2 अभिषेक सिंह (निलंबित)

छापेमारी में 80 लोग गिरफ्तार

पुलिस की ओर से दिनभर छापेमारी जारी रही।
मारपीट और पथराव में शामिल करीब 80 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, गवाहों के बयान और घटनास्थल से मिले वीडियो फुटेज के आधार पर जांच में तेजी लाई जा रही है।
एसएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने देर रात कारगिल मार्केट स्थित आवास से पूर्व विधायक अनंत सिंह और दो अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

14 दिन की न्यायिक हिरासत

गिरफ्तारी के बाद रविवार को अनंत सिंह सहित तीनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
फिलहाल तीनों बेऊर जेल में बंद हैं जहां सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।
जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि “कानून सबके लिए समान है, चाहे वह आम व्यक्ति हो या बड़ा राजनीतिक चेहरा।”


निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में बढ़ी हलचल

मोकामा हत्याकांड ने न केवल चुनावी माहौल को गर्मा दिया है, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
अनंत सिंह का जेल में रहना इस चुनाव में एक बड़ा राजनीतिक प्रतीक बन चुका है।
विपक्ष जहां इस मामले को एनडीए सरकार की “कानून व्यवस्था की विफलता” बता रहा है, वहीं प्रशासन इस बार किसी भी सियासी दबाव में न आने का दावा कर रहा है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com