मतदाता सूची पुनरीक्षण का दूसरा चरण आरंभ
भारत निर्वाचन आयोग ने देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची पुनरीक्षण (Summary Revision of Electoral Rolls) की प्रक्रिया के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इस चरण के अंतर्गत 4 नवंबर 2025 से लेकर 4 दिसंबर 2025 तक बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर एसआईआर (Special Integrated Revision) प्रपत्र वितरित करेंगे।
यह अभियान मतदाता सूची को अद्यतन, त्रुटि-मुक्त और सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आयोग का उद्देश्य है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो और मृत या दोहराए गए नामों को हटाया जा सके।
क्यों आवश्यक है यह पुनरीक्षण प्रक्रिया
तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और लोगों के निरंतर स्थानांतरण के चलते मतदाता सूची में अनेक त्रुटियाँ सामने आ रही हैं। कई नागरिकों के नाम दो-दो स्थानों पर पंजीकृत हैं, वहीं मृत मतदाताओं के नाम अब भी सूची में मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ राज्यों में अवैध घुसपैठ के चलते गलत नाम भी जोड़े गए हैं।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया से इन सभी विसंगतियों की पहचान कर मतदाता सूची को पारदर्शी और शुद्ध बनाया जा सकेगा।
एसआईआर के दौरान किन दस्तावेज़ों की होगी आवश्यकता
एसआईआर प्रक्रिया के अंतर्गत मतदाता पहचान के लिए केवल आधार कार्ड ही पर्याप्त नहीं है। आयोग ने नागरिकों से कुल 11 प्रकार के प्रमाण-पत्र रखने का आग्रह किया है, जिनमें शामिल हैं:
-
केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र या पेंशन आदेश।
-
1 जुलाई 1987 से पहले जारी किसी सरकारी प्रमाण-पत्र या दस्तावेज़।
-
जन्म प्रमाण पत्र।
-
पासपोर्ट।
-
मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड का प्रमाण पत्र।
-
स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
-
वन अधिकार प्रमाण पत्र।
-
जाति या समुदाय प्रमाण पत्र (ओबीसी/एससी/एसटी)।
-
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रविष्टि।
-
राज्य या स्थानीय निकाय का परिवार रजिस्टर।
-
सरकारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, परंतु पहचान के रूप में इसे प्रस्तुत किया जा सकता है।
कब-कब क्या होगा इस अभियान में
-
फॉर्म छपाई व प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक
-
घर-घर पुनरीक्षण कार्य: 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक
-
मतदाता सूची मसौदा प्रकाशन: 9 दिसंबर 2025
-
दावे व आपत्तियाँ: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
-
जाँच व सत्यापन: 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
-
अंतिम सूची प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
यह पूरा शेड्यूल सुनिश्चित करेगा कि हर पात्र नागरिक को अपने नाम से जुड़ी किसी भी त्रुटि को सुधारने और नए पंजीकरण का पर्याप्त अवसर मिले।
कहाँ-कहाँ चलेगा यह पुनरीक्षण अभियान
चुनाव आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक साथ प्रारंभ की गई है। इनमें शामिल हैं —
अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
इन राज्यों में बीएलओ नागरिकों के घर जाकर फॉर्म वितरित करेंगे और आवश्यक जानकारी एकत्रित करेंगे।
मतदाता जागरूकता की दिशा में अहम पहल
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान का मूल उद्देश्य लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व – चुनाव – को और अधिक सशक्त बनाना है। जागरूक मतदाता ही मजबूत लोकतंत्र की पहचान है। आयोग नागरिकों से अपील कर रहा है कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें, अपने दस्तावेज़ तैयार रखें और सही जानकारी प्रस्तुत करें।