नागपुर नगर निगम चुनाव 2025 में आरक्षण प्रक्रिया तय
नागपुर महानगरपालिका चुनाव 2025 के लिए तैयारियां तेज हैं। शहर में वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया 11 नवंबर को पूरी की जाएगी। सुरेश भट ऑडिटोरियम में होने वाली इस लॉटरी से तय होगा कि कौन से वार्ड महिलाओं, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे।
चार सीटों वाला प्रभाग ढांचा
नागपुर के प्रत्येक प्रभाग में चार कॉरपोरेटर सीटें रखी गई हैं — 1A, 1B, 1C और 1D। कुल 38 प्रभागों की सभी 152 सीटों का आरक्षण इसी लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
लॉटरी प्रक्रिया का संचालन
लकी ड्रॉ की प्रक्रिया नगर प्रशासन और राज्य निर्वाचन आयोग की निगरानी में होगी। इस आयोजन में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे। नागरिकों के लिए भी इस कार्यक्रम को सार्वजनिक किया जाएगा।
महापौर पद पर अब तक फैसला लंबित
शहरी विकास विभाग ने अभी तक महापौर पद के आरक्षण पर निर्णय नहीं लिया है। इस कारण शहर के राजनीतिक दलों में उत्सुकता बनी हुई है। भाजपा, कांग्रेस, राकांपा और मनसे सभी इस आरक्षण के निर्णय पर अपनी-अपनी रणनीति बना रहे हैं।
प्रशासक शासन के तीन साल
नागपुर महानगरपालिका में मार्च 2022 से प्रशासक शासन लागू है। पिछले तीन वर्षों से नागरिकों के निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं। अब 11 नवंबर का दिन इस लोकतांत्रिक खालीपन को भरने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
संभावित राजनीतिक समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरक्षण तय होने के बाद ही पार्टियों के टिकट वितरण और गठबंधन की तस्वीर साफ होगी। भाजपा वर्तमान में संगठनात्मक रूप से मजबूत मानी जा रही है, जबकि कांग्रेस नए चेहरों पर भरोसा जताने की योजना बना रही है।
महिला उम्मीदवारों के लिए अवसर
इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या पिछले चुनावों की तुलना में अधिक रहने की संभावना है। इससे महिला उम्मीदवारों को राजनीति में प्रवेश का बड़ा अवसर मिलेगा।
नागरिकों की भूमिका अहम
नागरिकों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस प्रक्रिया में जागरूक भागीदारी निभाएं। आरक्षण लॉटरी का परिणाम सीधे उनके प्रतिनिधियों को प्रभावित करेगा।
लोकतंत्र के लिए निर्णायक क्षण
नागपुर की यह प्रक्रिया केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं है। यह लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का संकेत है। 11 नवंबर को तय होगा कि शहर की दिशा कौन तय करेगा और जनता की आवाज नगर निगम तक कैसे पहुंचेगी।