Kartik Purnima 2025 पर नहीं लगेगा चंद्र ग्रहण, लेकिन दिखाई देगा साल का सबसे बड़ा सुपरमून
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 2025 बुधवार, 5 नवंबर को मनाई जाएगी। इस पावन तिथि पर भक्तजन गंगा स्नान, दीपदान और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष विधान निभाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और चंद्रोदय का समय
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम 5 बजकर 29 मिनट पर होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस रात चंद्रमा धरती के सबसे करीब रहेगा। इसलिए चंद्रमा का आकार सामान्य दिनों की तुलना में काफी बड़ा और अधिक उज्ज्वल दिखाई देगा। इसी कारण इस रात को सुपरमून (Supermoon) कहा जा रहा है।
क्या कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा?
कई लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या इस बार कार्तिक पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण भी लगेगा। लेकिन खगोलीय गणना के अनुसार, 5 नवंबर 2025 को कोई भी चंद्र ग्रहण नहीं लगेगा।
इस वर्ष के सभी ग्रहण पहले ही समाप्त हो चुके हैं। अतः कार्तिक पूर्णिमा की रात आकाश में चंद्रमा का अद्भुत दृश्य तो दिखाई देगा, परंतु किसी भी प्रकार का ग्रहण नहीं होगा।
क्या कल कोई ग्रहण लगेगा?
नहीं, अब 2025 में कोई ग्रहण नहीं लगेगा। इस वर्ष की ग्रहण श्रृंखला सितंबर में समाप्त हो चुकी है। इस साल अमावस्या पर भी अब कोई सूर्य ग्रहण नहीं पड़ेगा। इसलिए 5 नवंबर की रात पूर्ण रूप से चंद्र दर्शन और पूजा के लिए उपयुक्त मानी गई है।
2025 में कब-कब लगे थे ग्रहण
खगोलीय आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में कुल चार ग्रहण लगे थे—
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13 मार्च 2025: पूर्ण चंद्र ग्रहण, अवधि 1 घंटा 4 मिनट।
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29 मार्च 2025: आंशिक सूर्य ग्रहण, अवधि 3 घंटे 25 मिनट।
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7 सितंबर 2025: पूर्ण चंद्र ग्रहण, अवधि 1 घंटा 5 मिनट।
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21 सितंबर 2025: आंशिक सूर्य ग्रहण, अवधि 4 घंटे 24 मिनट।
इन ग्रहणों के बाद अब वर्ष 2025 में कोई ग्रहण शेष नहीं है।
2026 में कब लगेंगे ग्रहण
आगामी वर्ष 2026 में कुल चार ग्रहण होंगे —
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17 फरवरी 2026: पहला सूर्य ग्रहण।
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3 मार्च 2026: पहला चंद्र ग्रहण।
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12 अगस्त 2026: दूसरा सूर्य ग्रहण (श्रावण अमावस्या)।
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28 अगस्त 2026: दूसरा चंद्र ग्रहण (सावन पूर्णिमा)।
इस तरह, अगले वर्ष फिर से सूर्य और चंद्र ग्रहणों की खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगी।
Kartik Purnima 2025: धार्मिक दृष्टि से कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन बनारस, प्रयागराज, हरिद्वार और गंगा तटों पर दीप जलाए जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु स्वयं क्षीर सागर से प्रकट होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। कार्तिक स्नान, दान, और दीपदान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सुपरमून देखने का खास मौका
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वर्ष का सुपरमून सबसे बड़ा और सबसे चमकीला होगा। इस दौरान चंद्रमा का व्यास धरती से लगभग 14% बड़ा और 30% अधिक उज्ज्वल दिखेगा। भारत में यह दृश्य शाम से लेकर मध्यरात्रि तक साफ आसमान में आसानी से देखा जा सकेगा।