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Guru Nanak Teachings: गुरु नानक की ‘सेवा’ और ‘एकता’ की शिक्षा आज भी मेरे जीवन का मार्गदर्शन करती है, सोनू सूद

Guru Nanak Teachings: सोनू सूद ने बताया कैसे गुरु नानक देव की शिक्षा आज भी उनके जीवन को दिशा देती है | Guru Nanak Jayanti
Guru Nanak Teachings: सोनू सूद ने बताया कैसे गुरु नानक देव की शिक्षा आज भी उनके जीवन को दिशा देती है | Guru Nanak Jayanti
नवम्बर 5, 2025

Guru Nanak Jayanti: गुरु नानक देव की शिक्षाएँ आज भी जीवंत हैं

गुरपुरब के पावन अवसर पर अभिनेता सोनू सूद ने अपने बचपन की यादों और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार वे आज भी उनके जीवन को दिशा देती हैं। पंजाब की मिट्टी से जुड़े सोनू सूद ने कहा कि गुरु नानक जी के उपदेश केवल धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक संपूर्ण पद्धति हैं।

सेवा का भाव ही जीवन का सार

सोनू सूद ने कहा, “गुरु नानक देव जी की सबसे महान शिक्षा ‘सेवा’ का भाव है। उन्होंने सिखाया कि सच्चा मनुष्य वही है जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करता है। बचपन में जब भी हम गुरपुरब मनाते थे, हमारे घर और मोहल्ले में लंगर का आयोजन होता था। हर कोई अपने स्तर पर दूसरों की सेवा में लगा रहता था, यही हमें सिखाया गया।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘एक ओंकार’ का सिद्धांत — यानी ईश्वर एक है — आज भी उनके भीतर गूंजता रहता है। “यह शिक्षा हमें मानवता का पाठ पढ़ाती है, जो आज की व्यस्त और विभाजित दुनिया में पहले से कहीं अधिक आवश्यक है,” उन्होंने जोड़ा।

बचपन की यादों में बसी गुरु परंपरा

सोनू सूद ने अपने बचपन की यादें ताज़ा करते हुए कहा, “गुरपुरब के दिन हम सुबह-सुबह गुरुद्वारे जाते थे, कीर्तन सुनते थे और फिर लंगर में सेवा करते थे। सड़कों पर और बाज़ारों में हर कोई प्रेम और श्रद्धा से भरा रहता था। लोग बिना किसी भेदभाव के एक-दूसरे की सेवा करते थे। वह दृश्य आज भी मेरी आंखों में ताज़ा है।”

उन्होंने बताया कि उनके पिता मोगा (पंजाब) में अपने दुकान के सामने हर साल लंगर का आयोजन करते थे। “जब राहगीर रुककर भोजन करते और उनके चेहरे पर मुस्कान दिखती, तो वही हमारे लिए सच्ची सफलता होती थी,” सोनू ने कहा।

आधुनिक समय में गुरु नानक की शिक्षाओं का महत्व

सोनू सूद के अनुसार, आज जब लोग जीवन की भागदौड़ में उलझे हैं, तब गुरु नानक की शिक्षाएं पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गई हैं। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चे और नई पीढ़ी को भी इन मूल्यों को अपनाना चाहिए — निस्वार्थ सेवा, एकता, समानता और सच्चाई। अगर हम इन सिद्धांतों को फिर से अपने जीवन में उतारें, तो समाज में शांति और भाईचारा लौट सकता है।”

धर्म से परे मानवता की राह

सोनू ने कहा कि गुरु नानक देव की शिक्षाएं किसी एक धर्म तक सीमित नहीं थीं। “उन्होंने सभी को समान दृष्टि से देखने की प्रेरणा दी। उनके उपदेश धर्म से ऊपर उठकर मानवता को सर्वोच्च मानते हैं। यही कारण है कि उनके विचार समय की सीमाओं को पार कर आज भी प्रासंगिक हैं,” उन्होंने कहा।

नई शुरुआत की ओर सोनू

अभिनेता ने यह भी बताया कि वे इन दिनों अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट की पटकथा लिखने में व्यस्त हैं। “पिछले सात-आठ महीनों से मैं एक नई ऐक्शन फिल्म लिख रहा हूँ, जिसकी शूटिंग जून से शुरू होगी,” उन्होंने बताया।

सोनू ने कहा कि अब वे अपने किरदारों के चयन में बहुत सोच-समझकर निर्णय लेते हैं। “मैंने अब तक बहुत भूमिकाएँ निभाई हैं, लेकिन अब मैं वही रोल चुनता हूँ जो मुझे एक अभिनेता के रूप में चुनौती दे। साथ ही, मैं निर्देशन भी कर रहा हूँ, जो मेरे लिए एक नया और रोमांचक अनुभव है,” उन्होंने जोड़ा।

गुरु नानक की सीख – आधुनिक युग की प्रेरणा

गुरु नानक देव जी के संदेश आज के समाज में भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने सैकड़ों वर्ष पहले थे। सोनू सूद ने कहा कि अगर हर व्यक्ति गुरु की इस सीख को अपनाए — “नाम जपो, कीरत करो, वंड छको” — तो दुनिया में अन्याय और असमानता स्वयं समाप्त हो जाएगी।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com