बिहार विधानसभा चुनाव 2025: राजद प्रत्याशी लल्लू मुखिया पर प्राथमिकी, तेजस्वी यादव की सभा पर जांच
बाढ़ (पटना)। बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं। जैसे-जैसे मतदान की तिथि निकट आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर पहुँच रही है। इसी बीच राजद प्रत्याशी लल्लू मुखिया समेत छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, वहीं तेजस्वी यादव की सभा को लेकर भी जांच बैठा दी गई है। इन घटनाओं से बिहार का चुनावी माहौल और अधिक गरमा गया है।
प्राथमिकी का मामला: युवक ने लगाया धमकी और मारपीट का आरोप
बाढ़ अनुमंडल के पंडारक थाना क्षेत्र में मंगलवार को करण कुमार नामक युवक ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। उसके अनुसार, सोमवार शाम जब वह प्रसाद लेकर घर लौट रहा था, तभी राजद प्रत्याशी लल्लू मुखिया सहित कुछ लोगों ने उसे रोक लिया। आरोप है कि उन्होंने युवक पर राजद के पक्ष में मतदान करने का दबाव बनाया।
विरोध करने पर उसे मारपीट कर घायल किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस मामले में लल्लू मुखिया सहित छह लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है। ग्रामीण एसपी अपराजिता लोहान ने बताया कि जांच जारी है और विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
लल्लू मुखिया का पक्ष: आरोप निराधार बताया
इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद प्रत्याशी लल्लू मुखिया ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि पंडारक उनका क्षेत्र नहीं है और उनका विधानसभा क्षेत्र केवल ढिबर पंचायत तक सीमित है। उन्होंने यह भी बताया कि वे पिछले आठ दिनों से पंडारक नहीं गए हैं।
मुखिया ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग द्वारा सुरक्षा के तहत अंगरक्षक दिए गए हैं, जो हर समय उनके साथ रहते हैं। ऐसे में उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
तेजस्वी यादव की सभा में आचार संहिता उल्लंघन का मामला
बाढ़ के गुलाबबाग स्थित राधा कृष्ण पार्क में आयोजित राजद की चुनावी सभा में भी विवाद सामने आया है। चुनाव अधिकारी सीओ नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मंच पर केवल दस लोगों के बैठने की अनुमति थी, लेकिन उससे अधिक लोग उपस्थित पाए गए।
सभा में हजार से अधिक लोग एकत्रित हुए, जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। इस मामले में राजद के अभिकर्ता रणवीर कुमार यादव पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसी प्रकार जन सुराज पार्टी के अभिकर्ता और प्रत्याशी पर भी केस दर्ज किया गया है, क्योंकि उन्होंने प्रतिबंधित पोस्टर लगाने का उल्लंघन किया था।
प्रशासन की सख्ती: निष्पक्ष मतदान की तैयारी
बाढ़ अनुमंडल में चुनाव के दौरान शांति और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन सख्त हो गया है। विभिन्न थानों में फ्लैग मार्च कर लोगों को आश्वस्त किया जा रहा है कि वे निर्भीक होकर मतदान करें।
टाल क्षेत्र में अश्वारोही दल को भी तैनात किया गया है, ताकि ग्रामीण इलाकों में गश्त बढ़ाई जा सके और किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके। प्रशासन ने साफ किया है कि जो भी व्यक्ति या पार्टी आचार संहिता का उल्लंघन करेगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
बिहार चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। आरोप-प्रत्यारोप और प्रशासनिक सख्ती के बीच राज्य का चुनावी माहौल पूरी तरह गरमा चुका है। जनता की नज़रें अब इस बात पर टिकी हैं कि जांच के निष्कर्ष क्या निकलते हैं और क्या चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता बरकरार रख पाता है।