बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सुरक्षा के अभेद्य किले में तब्दील हुआ बिहार
राज्य ब्यूरो, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की तैयारियां अपने चरम पर हैं। राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान के लिए सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। हर मतदान केंद्र पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी गई हैं।
साढ़े चार लाख सुरक्षाकर्मी चुनाव ड्यूटी में
चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए लगभग साढ़े चार लाख सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 1500 कंपनियां शामिल हैं। इनके साथ बिहार पुलिस, बिहार विशेष सशस्त्र बल, एसएसबी और होमगार्ड के जवानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ग्रामीण इलाकों में तकरीबन 1.5 लाख चौकीदारों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है।
सीमाएं सील, दियारा क्षेत्र में घुड़सवार बल तैनात
राज्य की सभी सीमाओं — खासकर नेपाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से लगी सीमाओं — को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। सीमाई इलाकों में तस्करी, अवैध शराब और नकद राशि के लेन-देन को रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है। वहीं दियारा क्षेत्र में घुड़सवार बलों को तैनात किया गया है ताकि कठिन इलाकों में भी गश्त प्रभावी रहे।
वीवीआइपी सुरक्षा के विशेष प्रबंध
चुनाव के दौरान वीवीआइपी और संवेदनशील व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले में “वीआइपी सुरक्षा पूल” बनाया गया है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) से प्रशिक्षित पुलिसकर्मी शामिल हैं। इन जवानों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए आधुनिक उपकरणों और त्वरित संचार प्रणाली से लैस किया गया है।
क्विक रिस्पांस टीम की तैनाती
किसी भी आकस्मिक घटना या सुरक्षा उल्लंघन से निपटने के लिए बिहार पुलिस ने क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया है। यह दल आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के कमांडो से मिलकर बना है। इनकी मुख्य भूमिका संवेदनशील इलाकों में त्वरित कार्रवाई और नियंत्रण सुनिश्चित करना है।
पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय
चुनाव के दौरान बिहार पुलिस ने पड़ोसी राज्यों के साथ आपसी समन्वय बढ़ाया है। पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। असामाजिक तत्वों की सूची साझा की गई है और सीमाई जिलों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
जनता से अपील
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे भयमुक्त होकर मतदान करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि शांतिपूर्ण मतदान ही लोकतंत्र की असली पहचान है और इसके लिए हर संभव कदम उठाया गया है।