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Vande Bharat: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में बढ़ेगी सुरक्षा और आराम, आरडीएसओ तय करेगा नए मानक

Vande Bharat Sleeper Train
Vande Bharat Sleeper Train: भारतीय रेल में बढ़ेगी सुरक्षा और आराम, आरडीएसओ तैयार करेगा नए मानक
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा और आराम बढ़ाने के लिए आरडीएसओ नए मानक तैयार करेगा। ट्रेन में अग्निरोधी केबल, पैनिक बटन, आर्क फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस और बेहतर वेंटिलेशन सिस्टम लगाए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने 160 किमी प्रति घंटे की गति की अनुमति भी दी है।
नवम्बर 5, 2025

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में बढ़ेगी सुरक्षा और आराम

संवाददाता, रायबरेली:
भारतीय रेल यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए लगातार नवाचार कर रही है। इसी दिशा में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। रेलवे बोर्ड ने रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) को नए सुरक्षा और तकनीकी मानक तैयार करने का निर्देश दिया है, जिससे ट्रेन यात्रा अधिक सुरक्षित, आरामदायक और आधुनिक बन सके।


अग्निरोधी केबल और पैनिक बटन से बढ़ेगी सुरक्षा

मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा ट्रेन को मंजूरी देते समय कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। इनमें सबसे अहम है कोचों में अग्निरोधी केबलों का प्रयोग और पैनिक बटन की स्थिति में सुधार। फिलहाल कोचों में लगे इमरजेंसी अलार्म बटन ऊपरी बर्थ के पीछे लगे होते हैं, जिन्हें अब यात्रियों की सीधी पहुंच वाली जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा, ताकि आपात स्थिति में यात्री तुरंत अलार्म दबा सकें।

इसके अलावा, सीसीटीवी सिस्टम और क्रैश हार्डेंड मेमोरी मॉड्यूल के लिए विशेष अग्निरोधी केबल लगाने की सिफारिश की गई है। यह कदम ट्रेन के अंदर आग लगने या किसी तकनीकी गड़बड़ी की स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।


आर्क फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस से मिलेगी तकनीकी सुरक्षा

दरभंगा ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट के बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में आर्क फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस लगाए जाएंगे। यह उपकरण वायरिंग में होने वाली किसी भी स्पार्क या फॉल्ट को तुरंत पहचान सकेगा, जिससे आग या दुर्घटना की संभावना को समय रहते रोका जा सकेगा।

यह तकनीकी सुधार न केवल सुरक्षा मानकों को मजबूत करेगा, बल्कि ट्रेन की मेंटेनेंस प्रणाली को भी अधिक प्रभावी बनाएगा।


वातानुकूलन व्यवस्था और वेंटिलेशन में सुधार

फर्स्ट एसी कोच में एयर-कंडीशनिंग डक्ट की स्थिति को भी बदला जाएगा ताकि बेहतर वेंटिलेशन और रखरखाव की सुविधा मिल सके। नए डिज़ाइन से कोच के अंदर हवा का प्रवाह समान रहेगा, जिससे यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा।


नई गति और गुणवत्ता का मानक

रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को 16-कोच वाली स्लीपर रेक को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने की अनुमति दी है। यह निर्णय भारतीय रेल के तकनीकी विकास में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। इन उच्च गति वाली स्लीपर ट्रेनों से यात्रियों का समय बचेगा और सफर का अनुभव पहले से कहीं अधिक आधुनिक होगा।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार वर्मा के अनुसार, “इन सुधारों के बाद वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें सुरक्षा और आराम दोनों में एक नया अध्याय लिखेंगी। यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेन का अनुभव मिलेगा।”


भारतीय रेल का तकनीकी उत्कर्ष

इन नए बदलावों से स्पष्ट है कि भारतीय रेल अब न केवल गति बल्कि सुरक्षा, आराम और तकनीकी गुणवत्ता में भी विश्वस्तरीय मानक स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन इसका प्रमुख उदाहरण बनेगी, जो भारतीय यात्रियों को नयी पीढ़ी का रेल अनुभव प्रदान करेगी।

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