घटना का मूल प्रसंग
सिवान जिले के दरौंदा प्रखंड के पाण्डेयपुर पंचायत अंतर्गत मडसरा गांव में पंचायत चुनाव की पुरानी रंजिश से तनाव बढ़ गया. बुधवार की सुबह दो पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ओर से मारपीट हुई. हालात बिगड़ने पर चाकूबाजी भी हुई. इस घटना में प्रभात कु सिंह उर्फ पिंटू सिंह गंभीर रूप से घायल हुए. चोट गहरी थी. ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत दरौंदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर अमरेश सिंह ने घायल की स्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँचे. पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत की. क्षेत्र में अतिरिक्त गश्त की व्यवस्था की गई. जांच अधिकारी ने बताया कि घटना चुनावी रंजिश से जुड़ी है. दोनों पक्षों के लोगों के बीच पहले भी तनाव रहा है. पंचायत चुनाव के परिणाम और समर्थन को लेकर विवाद समय के साथ और तेज हुआ.

स्थानीय लोगों ने बताया तनाव पुराना है
गांव के कई लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच मतभेद लंबे समय से चले आ रहे हैं. पंचायत चुनाव में प्रचार और समर्थन के दौरान विवाद कई बार उभरकर सामने आया. समर्थकों के बीच बहसबाजी हुई. पंचायत में सत्ता, सम्मान और प्रभाव की प्रतिस्पर्धा से माहौल संवेदनशील बन गया. ग्रामीणों के अनुसार स्थिति बार-बार बिगड़ने की आशंका पहले से व्यक्त की जाती रही.

प्रशासन ने कहा दोषियों पर होगी कार्रवाई
पुलिस ने गांव में स्थिति सामान्य रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है. दरौंदा थाने के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है. दोनों पक्षों से बयान लिया जा रहा है. जो भी आरोपी होंगे, उन पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी. घायल युवक की स्थिति पर भी प्रशासन नजर रखे हुए है.
चुनावी अवधि में शांति की अपील
पंचायत स्तर पर कई स्थानीय प्रतिनिधियों ने गांव के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. किसी भी मतभेद को हिंसा का रूप नहीं लेना चाहिए. पंचायत चुनावों में हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा रहती है. समाज के हित में शांतिपूर्ण वातावरण आवश्यक है.
ग्रामीणों की चिंता और आगे की स्थिति
ग्रामीणों में घटना को लेकर बेचैनी है. लोग चाहते हैं कि प्रशासन प्रभावी कदम उठाए. कई परिवारों ने अपने बच्चों को बाहर भेजना उचित समझा. क्षेत्र में रोजमर्रा की गतिविधियाँ सामान्य हैं, पर तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र में निगरानी लगातार चल रही है. स्थिति नियंत्रण में है.
चुनावी रंजिश से हिंसा की बढ़ती घटनाएँ
हाल के दिनों में पंचायत चुनावों के समय कई स्थानों पर विवाद और मारपीट की घटनाएँ सामने आई हैं. कई क्षेत्रों में मतभेद व्यक्तिगत, पारिवारिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़े होते हैं. चुनाव इस तनाव को खुलकर सामने लाता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि जागरूकता और सामुदायिक संवाद ही समाधान है. समाज में संवाद की कमी से टकराव बढ़ता है.