Delhi Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण का कहर, हवा हुई जानलेवा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर सांस रोक देने वाली हवा में घिरी है। शनिवार, 8 नवंबर 2025 को प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुँच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 335 से 595 के बीच दर्ज किया गया। आनंद विहार, जहांगीरपुरी, वज़ीरपुर और रोहिणी जैसे क्षेत्रों में हवा “अत्यंत खराब” से “गंभीर” श्रेणी में रही।
सरकार की बड़ी घोषणा: दफ्तरों के समय में परिवर्तन
दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए तत्काल कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकारी और नगर निगम कार्यालयों के समय में परिवर्तन किया जाएगा ताकि सड़क यातायात में भीड़ कम हो सके।
अब दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेंगे, जबकि नगर निगम (MCD) के कार्यालय सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित होंगे।
पहले यह समय क्रमशः 9:30 से 6 और 9 से 5:30 था। सरकार का कहना है कि पुराने समय के दौरान ट्रैफिक की अत्यधिक भीड़ के कारण वाहनों से उत्सर्जित धुआँ वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहा था।
विशेषज्ञों के अनुसार, वाहनों से निकलने वाला धुआँ दिल्ली के पीएम2.5 स्तर में लगभग 15 प्रतिशत तक योगदान देता है। समय में यह परिवर्तन ट्रैफिक लोड को दिनभर में समान रूप से बाँटने में मदद करेगा, जिससे प्रदूषण में थोड़ी राहत मिल सकती है।
मौसम की स्थिति: धूप साफ़, हवा ज़हरीली
दिल्ली में मौसम साफ़ और धूप खिली हुई रही। दृश्यता 10 किलोमीटर तक रही और नमी का स्तर 15 से 16 प्रतिशत के बीच रहा। अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचा जबकि न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हल्की उत्तर-पश्चिमी हवाएँ 7 से 14 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलीं, जिससे थोड़ी बहुत हवा चली लेकिन प्रदूषण के स्तर में कोई ठोस कमी नहीं आई।
सप्ताहांत का अनुमान: राहत के आसार नहीं
Delhi Pollution: मौसम विभाग के अनुसार, सप्ताहांत में भी दिल्ली की हवा में सुधार की कोई संभावना नहीं है। रविवार और सोमवार को भी आसमान साफ़ रहेगा, परंतु वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रहने की आशंका है।
सुबह के समय हल्का कोहरा बनेगा, जो धूप निकलने के बाद धीरे-धीरे छंट जाएगा।
“एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम” की रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों में भी AQI 350-450 के बीच रह सकता है।
विशेषज्ञों की राय: दीर्घकालिक नीति की जरूरत
पर्यावरणविदों का कहना है कि दिल्ली को केवल तात्कालिक निर्णयों से राहत नहीं मिलेगी। स्थायी समाधान के लिए सार्वजनिक परिवहन को सशक्त करने, औद्योगिक उत्सर्जन नियंत्रण, और निर्माण गतिविधियों पर सख़्ती की आवश्यकता है।
साथ ही, लोगों को भी निजी वाहनों के प्रयोग में संयम बरतना चाहिए और “कार पूलिंग” जैसी आदतों को अपनाना चाहिए।