Geeta Path World Record: नागपुर में सामूहिक गीता पठन से गूंजा आध्यात्मिक उत्सव
नागपुर की धरती पर रविवार का दिन इतिहास के स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया। केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी की प्रेरणा और संकल्पना से आयोजित खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के अंतर्गत गीता परिवार एवं खासदार सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा एक अनोखा आयोजन संपन्न हुआ। इस भव्य अवसर पर परम पूजनीय स्वामी गोविंददेव गिरि जी की विशिष्ट उपस्थिति में 52,000 विद्यार्थियों ने एक साथ भगवद्गीता का सामूहिक पठन कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।
आयोजन की भव्यता और विश्व रिकॉर्ड का क्षण
यह आयोजन नागपुर के रेशीमबाग मैदान में संपन्न हुआ, जहां विभिन्न विद्यालयों के हजारों छात्र-छात्राएँ पारंपरिक वेशभूषा में एकत्र हुए। गीता के 12वें, 15वें और 16वें अध्यायों का सामूहिक पठन करते हुए पूरा वातावरण “गीता जयन्ती” के दिव्य उत्सव में परिवर्तित हो गया।
विश्व रिकॉर्ड के इस क्षण में उपस्थित लोगों ने आत्मिक अनुभूति और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव किया।

श्री नितिन गडकरी का प्रेरणादायी संबोधन
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,
“यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी भारतीय संस्कृति का उत्सव है। इस सामूहिक गीता पठन के माध्यम से हमने विश्व को यह संदेश दिया है कि भारत की युवा पीढ़ी अपनी परंपरा और संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है। भगवद्गीता जीवन का सार है — यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि आत्म-ज्ञान और कर्म के संतुलन की सर्वोत्तम शिक्षा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में आध्यात्मिक जागरण, नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना और सामाजिक एकता की भावना सशक्त होती है।
विद्यार्थियों में उत्साह और गर्व
सामूहिक गीता पठन में शामिल हुए बच्चों के चेहरों पर अद्भुत ऊर्जा और आनंद झलक रहा था। कई छात्रों ने कहा कि यह अनुभव उनके जीवन का सबसे यादगार क्षण रहेगा। शिक्षकों और अभिभावकों ने भी इस पहल को भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और समर्पण का प्रतीक बताया।
स्वामी गोविंददेव गिरि जी का संदेश
Geeta Path World Record: परम पूजनीय स्वामी गोविंददेव गिरि जी ने इस अवसर पर कहा कि भगवद्गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानवता के उत्थान का मार्ग है। उन्होंने कहा, “गीता हमें बताती है कि जीवन में कर्तव्य का पालन ही सर्वोच्च धर्म है। आज के युवा जब इसे आत्मसात करते हैं, तभी राष्ट्र सशक्त और संस्कारित बनता है।”
संस्कृति और अध्यात्म का संगम
नागपुर का यह आयोजन संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रीय एकता का एक सुंदर संगम बन गया। आयोजन स्थल पर उपस्थित लोगों ने मंत्रोच्चारण और सामूहिक प्रार्थना के साथ वातावरण को पवित्रता से भर दिया। गीता परिवार के स्वयंसेवकों ने पूरी निष्ठा के साथ व्यवस्था संभाली और पूरे कार्यक्रम को अनुशासन, श्रद्धा और गरिमा के साथ सम्पन्न कराया।
यह सामूहिक गीता पठन केवल एक विश्व रिकॉर्ड नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंत धरोहर का प्रमाण है। इससे स्पष्ट हुआ कि आधुनिकता के युग में भी भारत की आत्मा अपनी जड़ों से गहराई से जुड़ी हुई है। नितिन गडकरी की यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।