Noida Dengue Cases: नोएडा में डेंगू का प्रकोप तेज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
नोएडा। जनपद गौतम बुद्ध नगर में डेंगू संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में सात नए मामलों की पुष्टि से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इन नए मरीजों के साथ जिले में डेंगू के कुल मामलों की संख्या 626 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सतर्कता बरतते हुए सभी प्रभावित क्षेत्रों में एंटी लार्वा छिड़काव और जनजागरूकता अभियान चला रही है।
सात नए मामलों की पुष्टि से बढ़ी चिंता
जिला मलेरिया अधिकारी श्रुतिकीर्ति वर्मा ने जानकारी दी कि शुक्रवार को प्राप्त रिपोर्टों में सात नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें दो मरीज पड़ोसी जिलों के हैं, जो नोएडा में अपने परिचितों के पास आए हुए थे। जांच के दौरान उनमें डेंगू की पुष्टि हुई, जिसके बाद वे अपने गृह जिले लौट गए। शेष पाँच मरीज स्थानीय हैं जिनका इलाज प्राइवेट अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया जा रहा है। सभी मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
डेंगू की रोकथाम हेतु विशेष अभियान शुरू
स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी ब्लॉकों में रोकथाम के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। आशा कार्यकर्ताओं और फील्ड स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक मोहल्ले और कॉलोनी में जाकर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करें। साथ ही घरों और भवनों में जमा पानी को तुरंत खाली कराने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
प्रदूषण के कारण फॉगिंग पर रोक
डीएमओ कार्यालय की ओर से बताया गया है कि प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण फिलहाल फॉगिंग पर अस्थायी रोक लगाई गई है। विभाग का कहना है कि फॉगिंग से वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। ऐसे में फिलहाल रासायनिक छिड़काव और स्वच्छता अभियान पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि लार्वा के पनपने की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।
लोगों से सावधानी बरतने की अपील
Noida Dengue Cases: जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें। पुराने टायर, कूलर, गमले या खुले बर्तन में जमा पानी को प्रतिदिन खाली करें। विभाग ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति की सावधानी ही सामूहिक सुरक्षा का आधार है।
जागरूकता ही बचाव का सर्वोत्तम उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के लक्षण जैसे तेज बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द और आंखों के पीछे दर्द महसूस होते ही तुरंत जांच करवानी चाहिए। शुरुआती उपचार से स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है। डॉक्टरों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और सुबह-शाम मच्छर निरोधक का उपयोग करें।
प्रशासन की सख्त निगरानी
जिला प्रशासन की टीमें अब घर-घर जाकर निरीक्षण कर रही हैं। जिन घरों या परिसरों में पानी जमा पाया जा रहा है, वहां नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नगर निगम ने कहा है कि जो लोग सफाई के निर्देशों की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।